ट्रंप के टैरिफ से भारत को मिलेगी और मजबूती, कम हो सकती है महंगाई

अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से भारत पर टैरिफ को लेकर एग्जिक्यूटिव आदेश जारी कर दिया है. ये टैरिफ 7 अगस्त से लागू होगा. जिसके बाद कई भयंकर परिणाम आने की संभावनाएं जताई जा रही हैं. वहीं दूसरी ओर देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की रिसर्च में एक ऐसी बात निकलकर सामने आई है. जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत को नुकसान पहुंचाने की सारी प्लानिंग धरी की धरी रह जाएगी. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 25 फीसदी टैरिफ के बाद जो एक्सटरनल डिमांड में कमी आएगी, उससे देश में महंगाई में कमी आ सकती है.

ये कमी कोई छोटी मोटी नहीं होगी. बल्कि पूरे 0.88 फीसदी रहने का अनुमान है. खास बात तो ये है कि मौजूदा समय में भारत में महंगाई दर 2.10 फीसदी के करीब है. अगर ऐसा होता है ​तो देश में महंगाई दर 1.2 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान लगाया जा सकता है. रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा कमी टेक्स्टाइल और टेक्स्टाइल प्रोडक्ट्स और मैन्युफैक्चरिंग और रिसाइकल प्रोडक्ट्स में देखने को मिल सकती है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ट्रंप टैरिफ से किस सेक्टर के सामान कम हो सकते हैं.

इन सेक्टर के प्रोडक्ट्स होंगे सस्ते

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा टेक्स्टाइल और टेक्स्टाइल प्रोडक्ट्स, मैन्युफैक्चरिंग और रिसाइकल प्रोडक्ट्स के साथ लेदर, लेदर प्रोडक्ट्स और फुटवेयर में देखने को मिलेगा. टेक्स्टाइल और टेक्स्टाइल प्रोडक्ट्स की बात पहले करें तो इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में 3.6 फीसदी की ​कमी देखने को मिल सकती है. वहीं दूसरी ओर लेदर, लेदर प्रोडक्ट्स और फुटवेयर के प्रोडक्ट्स में 3.1 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया गया है.

वहीं बात मैन्युफैक्चरिंग और रिसाइकल प्रोडक्ट्स की करें तो यहां पर कीमतों में 2.8 फीसदी का असर देखने को मिल सकता है. साथ ही इलेक्ट्रिकल और ऑप्टीकल इक्विप्मेंट्स की कीमतों में 2.3 फीसदी की कमी देखने को मिल सकती है. इन तीनों प्रोडक्ट्स की डिमांड विदेशों खासकर अमेरिका में काफी ज्यादा देखने को मिलती है. अगर इनकी डिमांड कम होगी तो भारत में सप्लाई बढ़ जाएगी और इन सेक्टर्स के प्रोडक्ट्स की कीमतों में कमी देखने को मिलेगी.

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सोर्स: SBI Research

यहां दिखेगा एक फीसदी से ज्यादा असर

माइनिंग और क्वारिंग, फूड, ब्रेवरेज और टोबैको की कीमतों पर 1.1 फीसदी का असर देखने को मिल सकता है. लकड़ी, लकड़ी के सामान और कॉर्क की कीमतों में 1.7 फीसदी का असर देखने को मिलेगा. रिपोर्ट के अनुसार कोक, रिफाइंड पेट्रोलियम और न्यूक्लीयर फ्यूल 1.2 फीसदी तक सस्ता होने का अनुमान है. कैमिकल और कैमिकल प्रोडक्ट्स की कीमतों में 1.5 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है. रबर और प्लास्टिक्स पर 1.5 फीसदी, बेसिक मेटल्स एंड फैब्रीकेटिड मेटल 1.6 फीसदी, मशीनरी और ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट पर 1.7 फीसदी, रिटेल ट्रेड की महंगाई भी 1.3 फीसदी कम होती हुई दिखाई दे सकती है.

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सोर्स: SBI Research

भारत के एक्सपोर्ट में अमेरिका का शेयर

अगर बात भारत के कुल एक्सपोर्ट की बात करें तो अमेरिका शेयर काफी ज्यादा देखने को मिलता है. वित्त वर्ष 2025 में जहां ये आंकड़ा 20 फीसदी देखने को मिला था. वो मौजूदा वित्त वर्ष में 22.6 फीसदी पर पहुंच गया है. बीते कुछ सालों के आंकड़ों को देखें तो वित्त वर्ष 2020 में जो एक्सपोर्ट 53.1 बिलियन डॉलर का था, वो 2021 में मामूली रूप से कम होकर 51.6 बिलियन डॉलर पर आ गई. वित्त वर्ष 22 में इसमें जबरदस्त उछाल देखने को मिला और आंकड़ा 76.2 बिलियन डॉलर पर आकर खड़ा हो गया.

वित्त वर्ष 2023 में 78.5 बिलियन डॉलर और वित्त वर्ष 2024 में 77.5 बिलियन डॉलर आंकड़ा देखने को मिला. वित्त वर्ष 2025 में इसने 86.5 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छू लिया. एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में भारत का अमेरिका को एक्सपोर्ट 17.2 बिलियन डॉलर पर आ गया है. जब​कि पिछले साल की समान अवधि में ये आंकड़ा 14.2 बिलियन डॉलर था.

Tariff On Asia

इन आठ देशों से ज्यादा है भारत पर टैरिफ

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के नेगोसिएशन के बाद भारत पर टैरिफ एशिया के आधा दर्जन से ज्यादा देशों मुकाबले कहीं अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार हॉन्कॉन्ग पर सिर्फ 10 फीसदी ही टैरिफ लगाया गया है. जबकि इं​डो​नेशिया पर डील होने के बाद 19 फीसदी का टैरिफ लगाया गया है. जापान पर 15 फीसदी और फिलिपींस पर 19 फीसदी का टैरिफ देखने को मिला है. सिंगापुर पर 10 फीसदी टैरिफ है. जबकि साउथ कोरिया पर 15 फीसदी और वियतनाम पर 20 फीसदी ही टैरिफ लगाया गया है. वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रलिया पर 10 फीसदी टैरिफ देखने को मिला है.

कुछ एशियाई देश ऐसे भी हैं जहां पर टैरिफ भारत से ज्यादा देखने को मिल रहा है. जिसमें चीन 42 फीसदी सबसे ज्यादा है. बांग्लादेश पर 35 फीसदी और कंबोडिया पर 36 फीसदी है. ताइवान 32 फीसदी और थाईलैंड 36 फीसदी देखने को मिल रहा है. मलेशिया पर भारत के बराबर 25 फीसदी टैरिफ लगता हुआ देखने को मिल रहा है.

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यहां सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट करता है भारत

अगर बात भारत के टॉव 10 एक्सपोर्ट देशों की बात करें तो वित्त वर्ष 2025 में अमेरिका सबसे ऊपर देखने को मिला था. जहां पर भारत ने 86.5 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट किया था और 11.6 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली थी. यूके में एक्सपोर्ट ग्रोथ सबसे ज्यादा देखने को मिला और आंकड़ा 12.6 फीसदी देखने को मिला. वित्त वर्ष 2025 में यूके में भारत ने 14.5 अरब डॉलर का देखा गया था. दो देश ऐसे भी रहे जहां पर भारत का एक्सपोर्ट कम भी हुआ है. जिसमें चीन का नाम प्रमुख से लिया जा सकता है. भारत ने चीन को 14.5 फीसदी एक्सपोर्ट कम किया है और आंकड़ा 14.3 बिलियन डॉलर रह गया. सिंगापुर भी इसी कैटेगिरी में है जहां वित्त वर्ष में 10 फीसदी एक्सपोर्ट कम किया है और आंकड़ा 13 अरब डॉलर पर रह गया.

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