आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमाला मंदिर को नो-फ्लाई जोन घोषित करने की मांग की गई है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के चेयरमैन बीआर नायडू ने शनिवार को केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू को इस संबंध में एक पत्र लिखा है. इसमें आगम शास्त्र नियमों के अनुसार तिरुमाला मंदिर के ऊपर नो-फ्लाई जोन घोषित करने का अनुरोध किया गया है.
टीटीडी के पत्र में कहा गया है कि मंदिर के आसपास हवाई गतिविधियां आध्यात्मिक वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं. क्षेत्र में हवाई यातायात बढ़ने से चिंता है कि कम उड़ान वाले विमान, विशेष रूप से हेलीकॉप्टर, मंदिर और उसके पवित्र अनुष्ठानों के आसपास के शांत वातावरण को बाधित कर सकते हैं. इसलिए यह कार्रवाई पवित्र विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी.
आध्यात्मिक महत्व के अनुसार दिया गया है सुझाव
तिरुमाला मंदिर भारत के सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक है. मंदिर का प्रबंधन TTD निकाय करता है जिसके प्रमुख की नियुक्ति आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा की जाती है. वहीं, टीटीडी प्रमुख ने उड्डयन मंत्री को पत्र लिखकर मंदिर के संरक्षण के लिए इसे नो-फ्लाई जोन बनाने का अनुरोध किया है. इसमे लिखा है, ‘मंदिर के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के अनुसार यह सुझाव दिया गया है, जैसा कि आगम शास्त्रों में उल्लेखित है.’
इसमें लिखा है, ‘तिरुमाला मंदिर हर साल मंदिर में आने वाले लाखों भक्तों के लिए बहुत आध्यात्मिक महत्व रखता है. पारंपरिक आगम नियमों के अनुसार, मंदिर की पवित्रता सर्वोपरि है. हवाई गतिविधियों सहित इसके आसपास कोई भी गड़बड़ी आध्यात्मिक वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है. क्षेत्र में हवाई यातायात बढ़ने से मंदिर के आसपास का शांत वातावरण और उसके पवित्र अनुष्ठान बाधित हो सकते हैं.’
‘नो-फ्लाई जोन घोषित किया जाना चाहिए’
इसमें कहा गया है कि तिरुमाला मंदिर के ऊपर के हवाई क्षेत्र को नो-फ्लाई जोन घोषित किया जाना चाहिए. ताकि इससे मंदिर के पास किसी भी अनधिकृत हवाई गतिविधि को रोका जा सके, जो तीर्थयात्रियों की शांति और भक्ति को बाधित कर सकती है.यह कार्रवाई इस पवित्र स्थल की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.