भिंड जिले के सिकरी जागीर गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां तीन युवकों ने एक विशालकाय कछुए को तालाब से पकड़कर कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला। आरोपियों ने बाद में उसका मांस पकाकर गांव में दावत भी उड़ाई। इस पूरे कृत्य का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद लोगों में गुस्सा फैल गया और मामला तूल पकड़ गया।
घटना 28 अगस्त की बताई जा रही है। आरोपियों की पहचान लला उर्फ पुतुआ, अंगद और उदय बाल्मीकि के रूप में हुई है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कछुए को बुरी तरह से कुल्हाड़ी और लकड़ी से मारा जा रहा है। वीडियो सामने आने के बाद वन विभाग की टीम शनिवार को गांव पहुंची और आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत केस दर्ज कर लिया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, कछुए को पहले तालाब से जाल डालकर पकड़ा गया और फिर गांव में लाकर उसकी हत्या की गई। इस दौरान कई ग्रामीण मौजूद थे, लेकिन किसी ने रोकने की कोशिश नहीं की। घटना का वीडियो सामने आने के बाद न सिर्फ ग्रामीण, बल्कि पूरे जिले में आक्रोश की लहर है।
वन विभाग की टीम ने गांव जाकर जांच की। फॉरेस्ट रेंजर बसंत शर्मा ने बताया कि आरोपियों की पहचान पुख्ता हो चुकी है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हालांकि जब टीम ने गांव में दबिश दी, तो आरोपी अपने घर छोड़कर फरार हो चुके थे। फिलहाल आरोपियों की तलाश की जा रही है और आसपास के इलाकों में लगातार छापेमारी चल रही है।
कानून के अनुसार, कछुए समेत सभी वन्य जीवों का शिकार करना या उनकी हत्या करना गंभीर अपराध है। वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत दोषियों को कठोर सजा का प्रावधान है। बावजूद इसके गांव में इस तरह की घटना होना वन्य जीवों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों का कहना है कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और इस तरह का अपराध करने की हिम्मत न जुटा सके।
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि वन्य जीव संरक्षण को लेकर कानून तो सख्त हैं, लेकिन जागरूकता और अमल की कमी के कारण ऐसे अपराध सामने आते रहते हैं।