रतलाम में तीन साल पूर्व हुई हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट, फॉरेंसिंक साक्ष्य के आधार पर आरोपियों को हत्या व सबूत छिपाने के अपराध में दोषी माना है। फैसला प्रधान सत्र न्यायाधीश नीना आशापुरे ने सुनाया।
जिला लोक अभियोजक सुरेश कुमार वर्मा ने बताया 11 सितंबर 2022 की रात मोरवनी-रतलाम स्टेशन मास्टर द्वारा सूचना दी गई थी कि ट्रैक पर एक व्यक्ति मृत पड़ा है। मृतक की पहचान रवि गुर्जर निवासी कनेरी पाया। दीनदयाल नगर थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच की।
पीएम रिपोर्ट के आधार पर रवि गुर्जर की हत्या होना पाई गई। पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर मामला जांच में लिया। जांच में गांव के अर्जुन गुर्जर व मुकेश कटारा का नाम सामने आया। पुलिस ने इनसे सख्ती से पूछताछ की। इन्होंने अपने नाबालिग साथियों के साथ मिलकर पुरानी रंजिश के चलते रवि गुर्जर की धारदार हथियार से हत्या की। किसी को शक ना हो इसके लिए दुर्घटना बताने व साक्ष्य छिपाने के लिए रवि की लाश को रेल्वे ट्रैक पर फेंक दिया। पुलिस ने आरोपी मुकेश पिता रमेश कटारा एवं अर्जुन पिता भूरालाल गुर्जर निवासी कनेरी के खिलाफ इनके खिलाफ धारा 302, 201, 120 भा.द.सं. (बी) एवं 25 आयुध अधिनियम में केस दर्ज किया। कोर्ट ने इन दोनों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई।
मेडिकल रिपोर्ट व वैज्ञानिक साक्ष्य को अहम माना
पुलिस ने जांच के बाद नाबालिग के खिलाफ बाल न्यायालय एवं उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया। कुल 18 साक्षी एवं 46 मेडिकल, फोरेंसिक दस्तावेज एवं साक्ष्य प्रस्तुत किए। जिसमें से किसी भी स्वतंत्र साक्षी ने घटना होते हुए नहीं देखा। लेकिन न्यायालय द्वारा उक्त मामले में मेडिकल (पीएम) रिपोर्ट व वैज्ञानिक साक्ष्य पर भरोसा को मुख्य माना।
इन्हीं रिपोर्ट के आधार पर मुकेश कटारा व अर्जुन गुर्जर को दोषी पाते हुए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोपी मुकेश को आजीवन कारावास एवं 4 हजार रुपए का अर्थदंड एवं आरोपी अर्जुन को आजीवन कारावास एवं 3 हजार रुपए का अर्थदंड से दंडित किया। पैरवी जिला शासकीय वकील लोक अभियोजक सुरेश कुमार वर्मा ने की।