दिल्ली में पुलिस मुठभेड़ के बाद ईरानी गैंग के दो बदमाश गिरफ्तार, डकैती की बड़ी साजिश का पर्दाफाश 

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शनिवार रात हुए एनकाउंटर के बाद ईरानी गैंग के दो कुख्यात बदमाशों को धर दबोचा है. पुलिस मुठभेड़ में दोनों के पैरों में गोली लगी, जिसके बाद उन्हें सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया. शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि दोनों आरोपी भोपाल से दिल्ली डकैती की साजिश रचते हुए आए थे. अब उन्हें पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

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अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ऐश्वर्या शर्मा के अनुसार, क्राइम ब्रांच को खुफिया सूचना मिली थी कि ईरानी गैंग के दो सक्रिय सदस्य राजधानी में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं. सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने इंद्रप्रस्थ पार्क के सामने मेरठ एक्सप्रेसवे टी-पॉइंट के पास जाल बिछाया. शनिवार रात करीब 12:30 बजे एक मोटरसाइकिल पर सवार दो संदिग्धों को आते देखा गया.

पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने अचानक फायरिंग शुरू कर दी. जवाब में पुलिस ने भी मोर्चा संभाला. चंद मिनटों में मेरठ एक्सप्रेसवे गोलियों की आवाज से गूंज उठा. कुल सात राउंड फायरिंग हुई. इसमें चार गोलियां बदमाशों और तीन पुलिस द्वारा चलाई गईं. पुलिस एनकाउंटर के दौरान दोनों बदमाशों के बाएं पैर में गोली लगी, जिसमें वो बुरी तरह घायल हो गए

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान 38 वर्षीय मुर्तजा अली उर्फ दमार और 40 वर्षीय सिराज अली के रूप में हुई है. दोनों को मौके पर ही पकड़ लिया गया और एंबुलेंस के जरिए सफदरजंग अस्पताल भेजा गया. डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत स्थिर है. पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि वे गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर डकैती की योजना बना रहे थे.

पुलिस ने दोनों के खिलाफ सनलाइट कॉलोनी थाने में भारतीय न्याय संहिता और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है. पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच की है. वहां से दो देशी पिस्तौल, छह जिंदा कारतूस, सात खाली खोखे और एक चोरी की बजाज पल्सर मोटरसाइकिल बरामद की है. इस मुठभेड़ में कांस्टेबल राजेंद्र बाल-बाल बचे हैं.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बदमाशों ने कांस्टेबल को निशाना बनाकर गोली चलाई, जो उनके बुलेटप्रूफ जैकेट पर लग गई. इस वजह से उनकी जान बच गई. मुर्तजा अली के खिलाफ मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 46 केस दर्ज हैं. वो एक साल पहले ही जेल से बाहर आया था. वहीं सिराज अली जरायम की दुनि8या में आने से पहले भोपाल में बेल्ट और परफ्यूम बेचता था.

सिराज के खिलाफ भी भोपाल में शस्त्र अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं. पुलिस अधिकारी के अनुसार, यह गिरोह देश के विभिन्न राज्यों में सक्रिय है. इसके निशाने पर आमतौर पर बुजुर्ग लोग रहते हैं. गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश के लिए पुलिस की टीमें मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में भेजी गई हैं. दोनों बदमाशों की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी सफलता है.

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