हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में गुरुवार सुबह 4:39 बजे रिक्टर स्केल पर 4.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. इसी के साथ पाकिस्तान में भी 3.7 तीव्रता का भूकंप आया. हालांकि, दोनों ही जगहों से अब तक किसी तरह के नुकसान की कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है.
हिमाचल प्रदेश के ही चंबा में 3.27 बजे भी एक झटका दर्ज किया गया. इसका केंद्र जमीन के 20 किलोमीटर की गहराई में था. यह झटके ऐसे समय में दर्ज किए जा रहे हैं, जब हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्से में बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. पहले धराली और हर्षिल और अब कुल्लू तक में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है.
इससे पहले सोमवार रात को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में भी धरती हिली थी. रात 9:28 बजे धर्मशाला कस्बे के पास 3.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था. भूकंप का केंद्र धर्मशाला से 23 किलोमीटर दूर स्थित था. मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसका अक्षांश 32.23 उत्तर और देशांतर 76.38 पूर्व था. इस भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर दर्ज की गई.
भूकंपीय जोन 5 में आता है कांगड़ा
कांगड़ा जिला भूकंपीय जोन 5 में आता है, जिसे उच्च क्षति जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है. इस वजह से यहां पर मामूली तीव्रता के भूकंप भी लोगों में डर का माहौल पैदा कर देते हैं. हालांकि, राज्य प्रशासन ने साफ किया है कि हाल ही में आए इन भूकंपों से न तो जान-माल का नुकसान हुआ है और न ही किसी तरह की आपदा संबंधी रिपोर्ट सामने आई है.
हिमाचल प्रदेश और आसपास के इलाके संवेदनशील
विशेषज्ञों का मानना है कि हिमाचल प्रदेश और इसके आसपास के इलाके भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं. समय-समय पर यहां भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. पिछले कुछ महीनों में भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में हल्के भूकंप आए हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया कि चंबा और कांगड़ा में आए इन झटकों के दौरान लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और सतर्क हो गए. हालांकि जल्द ही स्थिति सामान्य हो गई और प्रशासन ने भी राहत की बात कही.