CISF Recruitment: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में साल 2029 तक बंपर भर्तियां होने वाली हैं. अभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में 1 लाख 62 हजार कर्मी तैनात हैं, अब इस संख्या को बढ़ाकर दो लाख तक किया जाएगा. गृह मंत्रालय (MHA) ने राष्ट्र के आर्थिक विकास का समर्थन करने के लिए यह अहम फैसला लिया है.
नए फैसले के तहत, अगले पांच सालों में CISF में हर साल 14,000 नए जवान भर्ती किए जाएंगे. यह भर्ती अभियान मौजूदा 1.62 लाख कर्मियों वाली फोर्स में नए युवाओं को जोड़ेगा. जिससे यह युद्ध के लिए अधिक बल तैयार हो सकेगा. जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों को छूती है, यह वृद्धि कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में CISF की तैनाती को बढ़ावा देगी.
ANI के अनुसार, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में वामपंथी उग्रवाद अब कम हो गया है और इसके साथ नए औद्योगिक केंद्रों बनने की संभावना है. इसलिए यहां व्यापक और प्रभावी सुरक्षा प्रदान करने के लिए सीआईएसएफ की जरूरत होगी.
पिछले दो सालों से चल रही हैं भर्तियां
साल 2024 में, 13,230 कर्मियों की भर्ती की गई थी और 2025 में सीआईएसएफ में 24,098 अन्य कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. एक अधिकारी ने एएनआई को बताया, “इन भर्ती प्रयासों से बड़ी संख्या में महिला उम्मीदवारों के आकर्षित होने की संभावना है, जिसे बल की प्रगतिशील नीतियों का समर्थन प्राप्त है. इसका उद्देश्य सभी रैंकों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना है.
संसद भवन में परिसर में तैनात की गईं दो यूनिट्स
इस वृद्धि के कारण, सीआईएसएफ एक अतिरिक्त बटालियन बनाने की स्थिति में है, जो आंतरिक सुरक्षा और आकस्मिक तैनाती में काम आएगी. पिछले सालों में, CISF ने अपने सुरक्षा विंग के अंदर सात नई इकाइयों को शामिल किया है, जिनमें संसद भवन परिसर, अयोध्या हवाई अड्डा, हजारीबाग में NTPC कोयला खनन परियोजना, पुणे में ICMR-राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, बक्सर थर्मल पावर परियोजना, एटा में जवाहर थर्मल पावर परियोजना और मंडी में ब्यास सतलुज लिंक परियोजना शामिल हैं.
इसके अलावा, संसद भवन परिसर और एटा में जवाहर थर्मल पावर परियोजना में अग्निशमन विंग के तहत दो नई यूनिट्स शामिल की गई हैं. यह विस्तार भारत की बढ़ती आर्थिक वृद्धि और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ प्रमुख राष्ट्रीय संपत्तियों की सुरक्षा में CISF की बढ़ती भूमिका को उजागर करता है.