राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के कांकेर-बस्तर सीमा पर स्थित मंडा पहाड़ पर सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 35 लाख के इनामी दो माओवादी मारे गए हैं।
माओवादी आरकेबी डिवीजन की सेंट्रल कमेटी का सचिव विजय रेड्डी पर 25 लाख और डिवीजनल कमेटी मेंबर (डीवीसीएम) लोकेश सलामे पर 10 लाख का इनाम था। पुलिस अधीक्षक वायपी सिंह ने इसकी पुष्टि की है। यह मुठभेड़ बुधवार की दोपहर भारी बारिश के बीच शुरू हुई।
शाम को फायरिंग रुकने के बाद जवानों ने आसपास सर्च आपरेशन शुरू किया, जिसमें दो माओवादियों के शव बरामद हुए। जंगल में अन्य स्थानों पर खून के निशान भी मिले हैं, जिससे सुरक्षा बलों का मानना है कि कुछ माओवादी भागने में सफल रहे हैं।
बता दें कि विजय रेड्डी फंडिंग के अलाव माओवादी रणनीतियां तैयार करता था। वहीं, लोकेश सलामे के आत्मसमर्पण के लिए दो साल से प्रयास किया जा रहा था। यह मुठभेड़ शीर्ष माओवादी हिंसक श्रीकांत पुनेम उर्फ सुकनाम पुनेम की गिरफ्तारी के पांच दिन बाद हुई है। इससे अनुमान जताया जा रहा है कि शीर्ष माओवादी हिंसकों की क्षेत्र में मौजूदगी का पुख्ता इनपुट उससे मिला होगा।
बताया जा रहा है कि यह मुठभेड़ बुधवार की दोपहर मदनवाड़ा क्षेत्र के ग्राम रेतेगांव व कारेकट्टा के बीच मंडा पहाड़ के जंगल में दोपहर को तब शुरू हुई जब टीम सर्चिंग आपरेशन के लिए पहुंची।
शाम तक फायरिंग बंद होने के बाद जवानों आसपास सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जहां स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर विजय रेड्डी और डीवीसी मेंबर लोकेश सलामे के शव बरामद किए गए हैं।
जंगल में कुछ और जगहों पर खून के निशान मिले हैं। पुलिस का मानना है कि, मौके से कुछ माओवादी छिपकर भाग खड़े हुए।
जानकारी है कि इंटेलिजेंस ने इस इलाके में माओवादियों की मौजूदगी की पुष्टि की थी। इसके बाद उन्हें घेरने रणनीति बनाई गई।
इसमें लोकल इनपुट्स की भी मदद ली गई। मारे गए स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर विजय रेड्डी यहां माओवादी कैडर्स में सबसे ज्यादा प्रभावशाली था।
वह फंडिंग के अलाव माओवादी रणनीतियां तैयार करता था। वहीं, मोहला-मानपुर पुलिस दो सालों से लोकेश सलामे के आत्मसमर्पण का प्रयास कर रही थी।
इसे लेकर उसके लोकेश के स्वजनों तक भी पहुंची थी जहां परिवार ने लोकेश को लौट आने की अपील की थी।
गौरतलब है कि, यह मुठभेड़ माओवादी कमांडर श्रीकांत पुनेम उर्फ सुकनाम पुनेम को पांच दिनों पहले ही खुर्सेखुर्द से गिरफ्तार किए जाने के बाद हुई है।