उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में रविवार सुबह पुलिस और कुख्यात ईरानी गैंग के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान पुलिस ने गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। ये आरोपी लंबे समय से फर्जी पुलिस बनकर लोगों को लूटने का काम कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए दोनों अपराधी बेहद चालाक तरीके से घटनाओं को अंजाम देते थे और आम लोगों को पुलिस का हवाला देकर फंसा लेते थे।
जानकारी के अनुसार, ईरानी गैंग के ये सदस्य पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों को रोकते थे। तलाशी के नाम पर उनका सोना, नकदी और कीमती सामान लूट लेते थे। स्थानीय लोगों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि इस गिरोह के सदस्य हाईवे और सुनसान इलाकों में सक्रिय रहते हैं।
रविवार सुबह बांदा पुलिस को सूचना मिली कि गैंग के कुछ सदस्य किसी वारदात की फिराक में घूम रहे हैं। पुलिस ने तुरंत घेराबंदी की। इस दौरान बदमाशों ने भागने की कोशिश की और फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई और आखिरकार दोनों को दबोच लिया। हालांकि मुठभेड़ में एक बदमाश घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है और जल्द ही पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा। बरामदगी में पुलिस ने फर्जी पुलिस वर्दी, हथियार और लूटा गया सामान भी जब्त किया है।
स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है क्योंकि इस गैंग की वजह से क्षेत्र में काफी डर का माहौल बना हुआ था। लोग रात में यात्रा करने से बचते थे और सुनसान रास्तों पर निकलने में घबराते थे। पुलिस की इस कार्रवाई ने उन्हें काफी हद तक सुरक्षा का भरोसा दिलाया है।
अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि संदिग्ध लोगों की गतिविधियों की तुरंत सूचना पुलिस को दें और बिना पहचान पत्र दिखाए किसी पर भी भरोसा न करें।