अल्मोड़ा। हवालबाग ब्लाक के स्यूनराकोट ग्राम पंचायत में वनाग्नि के दौरान हुए हादसे में मरने वालों की संख्या तीन पहुंच गई है। जंगल की आग से झुलसे एक श्रमिक की बीते गुरुवार को घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी।
दूसरे गंभीर ने देर रात बेस अस्पताल अल्मोड़ा में इलाज के दौरान दम तोड़ा, जबकि तीसरी गंभीर झुलसी महिला ने शुक्रवार को सुशीला तिवारी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
घटना में बची एकमात्र महिला का अभी एसटीएच में इलाज चल रहा है। उसकी हालत भी नाजुक बताई जा रही है। स्यूनराकोट वनाग्नि हादसे में झुलसे कुल चार लोगों में से तीन की अब तक मौत हो गई है।
बीते गुरुवार देर शाम स्यूनराकोट ग्राम पंचायत के जंगल में अचानक आग धधक गई। आग तेजी से चारों और फैलने लगी। इस बीच चार नेपाली श्रमिक आग बुझाने में जुट गए, लेकिन आग की तेज लपटों के बीच चारों श्रमिक बुरी तरह झुलस गए।
आग में झुलसे से एक श्रमिक दीपक पुजारा 35 वर्ष की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि आग में बुरी तरह झुलसे तीन अन्य श्रमिकों को ग्रामीणों ने बेस अस्पताल पहुंचाया। जहां उपचार के दौरान देर रात ज्ञान बहादुर 40 वर्ष ने भी दम तोड़ दिया।
झुलसे दो अन्य श्रमिकों तारा और पूजा को प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया। सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में इलाज के दौरान गंभीर झुलसी तारा ने भी दम तोड़ दिया। अब हादसे में गंभीर पूजा ही बची है। उसकी हालत भी नाजुक बनी हुई है।
एक दंपति की मौत और
जंगल की आग में गंभीर रूप से जल चुके दीपक पुजारा उसकी पत्नी तारा ने दम तोड़ दिया है। वहीं ज्ञान बहादुर की भी इलाज के दौरान मौत हो गई है। उसकी पत्नी पूजा एसटीएच हल्द्वानी में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है।
दंपति दीपक और तारा कई वर्षों से यहां रहकर मजदूरी और लीसा दोहन का कार्य रहते थे। ज्ञान और पूजा बीते दो-तीन पहले यहां पहुंचे थे। यहां दोनों दंपति बेह गांव में रहते थे। दीपक और तारा व ज्ञान और पूजा दोनों दंपतियों के दो-दो बच्चे है। वह प्राथमिक विद्यालय बेह में पढ़ाई करते हैं।
अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज
जंगल में लगी आग को बुझाने के दौरान झुलसे दो श्रमिकों की मौत के बाद वन विभाग हरकत में आ गया है। विभाग ने जहां आग लगने की घटना की जांच शुरू कर दी है। वहीं अज्ञात के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही हैं। आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा
जंगल की आग की चपेट में आकर मारे गए दो श्रमिकों को मुआवजा दिए जाने की मांग उठने लगी है। क्षेत्रवासियों ने कहा कि जल्द पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए। जंगल की आग से मारे जाने पर शासन की ओर से चार लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है। वहीं घायलों के इलाज का पूरा खर्च भी वहन किया जाता है।