मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित महाराजा यशवंतराव (एमवाय) अस्पताल से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में भर्ती दो नवजातों की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि दोनों बच्चों को अस्पताल में चूहों ने काट लिया था, जिससे उनकी हालत बिगड़ी और मौत हो गई। इस घटना से पूरे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया है।
परिजनों का कहना है कि उन्होंने बच्चों के शरीर पर चूहों के काटने के निशान देखे। इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया और परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। वहीं, अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों का कहना है कि दोनों बच्चों की मौत ब्लड इन्फेक्शन की वजह से हुई है, न कि चूहों के काटने से।
घटना सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने इस पर गंभीरता दिखाई और कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच होगी। उन्होंने साफ कहा कि अगर अस्पताल की लापरवाही सामने आती है तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, अस्पताल प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि एनआईसीयू में स्वच्छता और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है, लेकिन इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है।
इंदौर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में इस तरह की घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर जिस जगह पर बच्चों का इलाज होता है, वहां चूहे कैसे पहुंच गए।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। उनका कहना है कि गरीब परिवारों के बच्चों को ऐसी लापरवाही की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चाहे मौत की वजह ब्लड इन्फेक्शन हो या चूहों का काटना, अस्पताल की जिम्मेदारी तय करना जरूरी है। क्योंकि एनआईसीयू जैसी संवेदनशील जगह पर संक्रमण और सुरक्षा को लेकर जरा भी लापरवाही बच्चों की जान पर भारी पड़ सकती है।
फिलहाल मामले की जांच जारी है और सरकार ने भरोसा दिलाया है कि सच्चाई सामने आने के बाद किसी भी जिम्मेदार को बख्शा नहीं जाएगा।