उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दो साल के मासूम सुंदरम पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना सहजनवा थाना क्षेत्र के डुमरी चौराहे की है। बताया गया कि सुंदरम घर के बाहर खेल रहा था, तभी सात-आठ कुत्तों का झुंड वहां पहुंचा और बच्चे पर हमला कर दिया। कुत्तों ने बच्चे के चेहरे का मांस नोंच लिया और हाथ पर भी गंभीर चोटें पहुंचाईं।
मां शालू की चिल्लाहट पर आसपास के लोग दौड़े और लाठी-डंडों से कुत्तों को भगाकर बच्चे को बचाया। घायल बच्चा खून से लथपथ था। परिजन तुरंत उसे स्थानीय सीएचसी ले गए, जहां डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इसके बाद परिवार उसे प्राइवेट नर्सिंग होम ले गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। बच्चे के चेहरे पर 10 टांके लगाए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, बच्चा रामपाल और शालू का बेटा है। रामपाल एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं और खेती के कामों के सिलसिले में घर पर थे। खेलते-खेलते सुंदरम घर से बाहर चला गया और इसी दौरान कुत्तों के झुंड ने उसे घेर लिया। स्थानीय लोगों की त्वरित मदद से ही बच्चा गंभीर खतरे से बचा।
यह घटना गोरखपुर में आवारा कुत्तों की समस्या को फिर से उजागर करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि और उनकी अनियंत्रित गतिविधियों से छोटे बच्चों और ग्रामीण इलाकों में लोगों के लिए खतरा बढ़ रहा है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और आसपास के क्षेत्र में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
परिजन और पड़ोसी इस घटना से सदमे में हैं। रामपाल ने बताया कि इस हमले ने पूरे परिवार को हिला दिया है। बच्चों की सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन को आवारा कुत्तों के नियंत्रण और सतत निगरानी की दिशा में त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है।
घटना ने गोरखपुर में बच्चों और घरों के बाहर खेलते हुए बच्चों की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया है। ऐसे मामलों से निपटने के लिए सामुदायिक जागरूकता, प्रशासनिक निगरानी और आवारा कुत्तों के नियंत्रण पर ध्यान देना जरूरी है।