उदयपुर: लोकतंत्र की आवाज दबाने की कोशिश, पत्रकारों ने सरकार से की सख्त कार्रवाई की मांग

उदयपुर: माउंट आबू में एक पत्रकार पर हुए जानलेवा हमले को लेकर उदयपुर के पत्रकारों में जबरदस्त आक्रोश है. लेकसिटी प्रेस क्लब और इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया है. संगठनों ने कहा कि पत्रकार पर हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश है, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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घटना के कई दिन बीत जाने के बावजूद हमले में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी न होना और सरकार की चुप्पी पर पत्रकार संगठनों ने नाराजगी जताई है. पत्रकारों का कहना है कि सरकार की निष्क्रियता इस हमले पर उसकी मौन स्वीकृति जैसी प्रतीत होती है. संगठनों ने मांग की है कि हमले में शामिल सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए और यदि आरोपी किसी सरकारी पद पर हैं, तो उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए.

साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए और शीघ्र पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए. पत्रकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो राज्यभर के पत्रकार विधानसभा का घेराव करेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि अब सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है. पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. यदि सरकार इस पर गंभीर नहीं हुई, तो इसका व्यापक विरोध देखने को मिलेगा.

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