उदयपुर जिले की चिकित्सा व्यवस्था को मिली राष्ट्रीय पहचान, दो PHC और एक SHC को मिला NQAS सर्टिफिकेट

उदयपुर: जिले के चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है.  जिले के दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और एक उप स्वास्थ्य केंद्र (SHC) ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम (NQAS) के तहत राष्ट्रीय स्तर का प्रमाणपत्र प्राप्त किया है. यह सम्मान चिकित्सा संस्थानों द्वारा प्रदान की जाने वाली उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं का प्रमाण है.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकर एच. बामनिया ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए बताया कि ये तीनों संस्थान अब ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित हो गए हैं. अगस्त माह में राष्ट्रीय टीमों द्वारा इन संस्थानों का निरीक्षण किया गया था. इस निरीक्षण में PHC लोसिंग और PHC देवला का भौतिक निरीक्षण किया गया, जबकि SHC रख्यावल का वर्चुअल निरीक्षण हुआ था.

राष्ट्रीय टीमों ने अपनी निर्धारित चेकलिस्ट के अनुसार इन संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं, सेवाओं और गुणवत्ता मानकों का गहन मूल्यांकन किया. इस मूल्यांकन में PHC लोसिंग ने 90.21%, PHC देवला ने 89.58% और उप स्वास्थ्य केंद्र रख्यावल ने 86.43% अंक हासिल किए.  इस उच्च स्कोर के आधार पर इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित किया गया है.

इस सफलता पर अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रागिनी अग्रवाल ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी.  PHC लोसिंग के चिकित्सा अधिकारी डॉ. मयंक नामा, PHC देवला के चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुग्रीव और SHC रख्यावल की सीएचओ मोनिका कावडिया ने इस उपलब्धि का श्रेय जिला क्वालिटी सेल टीम और ब्लॉक क्वालिटी टीम के सहयोग को दिया.

इस महत्वपूर्ण कार्य में बड़गांव, कोटडा और मावली के बीसीएमओ सहित सीएचसी खेमली के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयंत खण्डेलवाल का विशेष योगदान रहा.  उनके साथ-साथ बीपीओ चिराग चित्तोड़ा, विजय मीणा और हितेश सामर, डॉ. शुभम गोयल, डॉ. पीयूष व्यास, गणेश प्रकाश चौधरी, सुनील शर्मा, वर्षा उपाध्याय, विजेंद्र सिंह और विक्रम सोनी सहित पूरी टीम के प्रयासों ने यह सफलता सुनिश्चित की. यह उपलब्धि उदयपुर के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

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