उदयपुर: पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल के निर्देश पर हिरणमगरी थाना और जिला स्पेशल टीम (DST) ने एक संयुक्त कार्रवाई में बड़ी सफलता हासिल की है.
पुलिस ने हिरणमगरी में फायरिंग के एक मामले में वांछित 10 हजार के इनामी अपराधी दलपत सिंह डुलावत और उसके दो साथियों, राजेंद्र सिंह उर्फ वीरू और किशन खटीक को गिरफ्तार किया है. इनके पास से चार अवैध पिस्टल और 19 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. इस गिरफ्तारी से हिस्ट्रीशीटर प्रवीण वसीटा और शंभू झिडोली की हत्या की योजना को विफल कर संगठित अपराध के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की गई है.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
कल, 3 जुलाई 2025 को, DST टीम के हेड कांस्टेबल भंवर विश्नोई को सूचना मिली कि हिरणमगरी थाने का वांछित दलपत सिंह अपने दो साथियों राजेंद्र सिंह देवड़ा उर्फ वीरू और किशनलाल खटीक के साथ अवैध हथियार बेचने की फिराक में पोलो कार (RJ-14-CZ-7105) में सबसिटी सर्कल के पास घूम रहा है। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, DST प्रभारी श्याम सिंह रत्नू और हिरणमगरी थानाधिकारी भरत योगी के नेतृत्व में टीमों ने सबसिटी सेंटर, हिरणमगरी से आरोपियों को दबोच लिया.
गिरफ्तारी के दौरान, दलपत सिंह के कब्जे से 2 अवैध देशी पिस्टल और 11 जिंदा कारतूस, राजेंद्र सिंह उर्फ वीरू से 1 अवैध देशी पिस्टल और 4 जिंदा कारतूस, और किशन खटीक से 1 अवैध देशी पिस्टल और 4 जिंदा कारतूस जब्त किए गए। घटना में प्रयुक्त पोलो कार भी दलपत सिंह के कब्जे से जब्त की गई है। तीनों अभियुक्तों के खिलाफ आर्म्स एक्ट और बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच जारी है.
प्रारंभिक पूछताछ में दलपत सिंह ने बताया कि चतर सिंह पर फायरिंग कराने के बाद वह जयपुर और मनाली में फरारी काट रहा था। फरारी के दौरान करीब एक महीने पहले जयपुर में उसे नरेश हरिजन मिला, जिसने उसे और उसके साथियों किशन खटीक व राजेंद्र सिंह उर्फ वीरू को 4 पिस्टल और 19 कारतूस दिए थे. नरेश हरिजन ने उन्हें अपने विरोधी गैंग के सदस्य हिस्ट्रीशीटर प्रवीण वसीटा और शंभू झिडोली को मारने की सुपारी दी थी। दलपत सिंह और किशन खटीक, नरेश हरिजन के साथ प्रवीण पालीवाल हत्या कांड में भी सह-अभियुक्त रहे हैं.
पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई से उदयपुर में एक बड़े गैंगवार को टाल दिया गया है और संगठित अपराध के खिलाफ पुलिस की प्रतिबद्धता साबित हुई है.