उदयपुर की शर्मनाक घटना: विद्या के मंदिर में हुई दरिंदगी, कोच ने ही लूट ली छात्रा की अस्मत

उदयपुर: फतहपुरा स्थित विद्या का मंदिर कहे जाने वाले आलोक स्कूल में एक छात्रा के साथ कोच ने ही दरिंदगी कि हदें पार करते हुए गुरु और शिष्य के पवित्र रिश्ते को शर्मशार कर दिया. इस दुष्कर्म की घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है. यह न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह समाज की सुरक्षा व्यवस्था और नैतिक मूल्यों पर एक गंभीर सवाल भी खड़ा करती है.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के लिए तत्काल गिरफ्तारी और कठोरतम सजा की मांग की है. एबीवीपी के उदयपुर महानगर मंत्री पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने इस घटना को “केवल एक छात्रा की व्यक्तिगत पीड़ा नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज की गरिमा और सुरक्षा से जुड़ा विषय” बताया.

उन्होंने कहा कि ऐसे अपराध समाज में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा करते हैं, और यह सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है कि दोषियों को तुरंत न्याय के कटघरे में लाया जाए. राठौड़ ने जिला प्रशासन और पुलिस से यह भी मांग की है कि पीड़ित छात्रा को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हर संभव सहयोग और सहायता प्रदान की जाए, ताकि वह इस सदमे से उबर सके.

एबीवीपी की इकाई सचिव खुशी चौहान ने इस दुखद समय में पीड़ित परिवार के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की. उन्होंने कहा, “हम इस कठिन समय में पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं.” उन्होंने जोर देकर कहा कि एबीवीपी छात्र-छात्राओं की गरिमा, मानसिक सुरक्षा और आत्मसम्मान के विरुद्ध किसी भी प्रकार की प्रताड़ना को स्वीकार नहीं करेगी. चौहान ने कहा कि इस घटना के विरोध में जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें मांग की गई है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाए और सभी दोषियों को कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.

ज्ञापन सौंपने के दौरान माया रेगर, पार्थ दीक्षित, तुषार वाघेला, हर्ष राजपुरोहित और अन्य कई एबीवीपी कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि ऐसे अपराधों के प्रति समाज को एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा न जाए। एबीवीपी ने प्रशासन से इस मामले में त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई की अपेक्षा की है, ताकि लोगों का कानून-व्यवस्था पर विश्वास बना रहे।

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