मुंबई | महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर सियासी बवाल बढ़ता जा रहा है। शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार द्वारा हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू किए जाने के निर्णय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उद्धव ठाकरे ने साफ कहा है कि “हम चुप नहीं बैठेंगे” और 7 जुलाई को मुंबई के आजाद मैदान में जोरदार धरना प्रदर्शन किया जाएगा।उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में किसी भी हाल में हिंदी भाषा थोपी नहीं जाएगी। ठाकरे का आरोप है कि यह भाजपा सरकार का “छिपा हुआ एजेंडा” है, जो राज्य की भाषायी अस्मिता को खत्म करना चाहता है।
महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था, जिसके मुताबिक कक्षा 1 से 5 तक मराठी और अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू किया जाएगा।
इसी निर्णय के बाद विपक्षी दलों ने इस कदम को “हिंदी थोपने की साजिश” करार दिया है।
उद्धव ठाकरे के प्रमुख बयान:
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“मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि महाराष्ट्र में हिंदी भाषा लागू नहीं होगी।”
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“हमें हिंदी भाषा से आपत्ति नहीं, लेकिन जबरन थोपने का विरोध करेंगे।”
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“हम तब तक आंदोलन करेंगे, जब तक ये निर्णय वापस नहीं लिया जाता।”
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“मराठी कलाकार और आम जनता इस आंदोलन में शामिल हों।”
आंदोलन की रूपरेखा:
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📍 29 जून: मुंबई में विरोध सभा
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📍 7 जुलाई: आजाद मैदान, मुंबई में धरना प्रदर्शन
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🎭 मराठी कलाकारों और आम जनता से समर्थन की अपील
उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि जब अन्य राज्यों जैसे गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक में तीन भाषा नीति लागू नहीं है, तो महाराष्ट्र को जबरदस्ती क्यों मजबूर किया जा रहा है?ठाकरे ने महाराष्ट्र के लोगों, खासकर मराठी भाषियों और युवाओं से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर एकजुट होकर खड़े हों। उन्होंने कहा कि भाषा की अस्मिता को बचाने के लिए यह लड़ाई जरूरी है।