केंद्र सरकार उच्च शिक्षा के लिए तीन प्रमुख संस्थाओं—UGC, AICTE और NCTE—की जगह एक एकीकृत नियामक निकाय स्थापित करने की तैयारी में है। यह नया निकाय हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (HECI) के नाम से जाना जाएगा। इस दिशा में शिक्षा मंत्रालय विधेयक का ड्राफ्ट तैयार कर रहा है। यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने लोकसभा में दी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों पर आधारित
सुकांत मजूमदार ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत एक “हल्का लेकिन प्रभावशाली” नियामक ढांचा तैयार करने की सिफारिश की गई थी, जो उच्च शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही, संसाधन दक्षता और नवाचार को बढ़ावा देगा। HECI इसी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
क्या होंगे HECI के काम?
HECI के अंतर्गत चार प्रमुख कार्यक्षेत्र होंगे—
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नियमन (Regulation)
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मान्यता (Accreditation)
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फंडिंग
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शैक्षणिक मानक निर्धारण
इससे उच्च शिक्षा से जुड़े सभी प्रमुख फैसलों और नियामकीय पहलुओं को एक ही संस्था नियंत्रित करेगी।
कौन-कौन सी संस्थाएं होंगी शामिल?
इस नए ढांचे के तहत UGC (गैर-तकनीकी उच्च शिक्षा), AICTE (तकनीकी शिक्षा) और NCTE (शिक्षक प्रशिक्षण) को हटाकर एक एकल संस्था HECI बनाई जाएगी। इससे नीति-निर्माण और कार्यान्वयन में पारदर्शिता और एकरूपता आएगी।
2018 में आया था पहला ड्राफ्ट
पहली बार HECI का विचार 2018 में सामने आया था, जब इसका मसौदा विधेयक जनता के सुझावों के लिए सार्वजनिक किया गया था। यह विधेयक UGC अधिनियम 1956 को खत्म करने का प्रस्ताव लेकर आया था। अब NEP 2020 के बाद इसे फिर से सक्रिय किया जा रहा है।
बड़े बदलाव की ओर शिक्षा व्यवस्था
सरकार का मानना है कि उच्च शिक्षा प्रणाली को मजबूत, लचीला और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाने के लिए यह बड़ा ढांचागत सुधार आवश्यक है। HECI के गठन से भारत की उच्च शिक्षा को एक नई दिशा और पहचान मिलने की उम्मीद है।