उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में युवक-युवती के नाचते हुए रील बनाने का मामला प्रकाश में आया है। दूसरा मामला युवती द्वारा प्रतिबंध के बावजूद मोबाइल छुपाकर मंदिर के भीतर ले जाने की युक्ति से जुड़ा है। दोनों ही वीडियो सोशल मीडिया माध्यमों पर बहुप्रसारित हो रहे हैं। मंदिर के पुजारी इन मामलों को अमर्यादित बता रहे हैं। उनका कहना है कि महाकाल सहित देशभर के मंदिरों में यह फुहड़ता रुकना चाहिए।
महाकाल मंदिर में देशभर से हजारों भक्त प्रतिदिन भगवान महाकाल के दर्शन करने आते हैं। इनमें से कई श्रद्धालु फिल्मी गानों पर रील बनाते हैं। कुछ सालों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। हालांकि हर बार मंदिर के पुजारी इस पर नाराजगी व्यक्त करते रहे हैं। इस बार भी एक युवक-युवती ने मंदिर परिसर में रील बनाकर सोशल मीडिया पर बहु प्रसारित की। इसमें दोनों अमर्यादित तरीके से नृत्य करते नजर आ रहे हैं।
पोस्ट पर युवती ने लिखा- श्रावण मास के पहले दिन भगवान महाकाल के दर्शन करने का अवसर मिला। दूसरा मामला युवती से जुड़ा है, जो मोबाइल छिपाकर मंदिर के भीतर ले जा रही है और अन्य लोगों को युक्ति साझा कर बता रही है कि किस प्रकार मोबाइल अंदर ले जाना है। युवती ने भी यह वीडियो सोशल मीडिया पर बहु प्रसारित किया है।
पंडित महेश पुजारी ने नाराजी व्यक्त की
मामले में मंदिर के पुजारी तथा अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित महेश पुजारी ने नाराजी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आचरण अधार्मिक व अमर्यादित है। भक्तों को मंदिर की धर्म, परंपरा, पवित्रता तथा मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। ऐसे लोग जो सनातन धर्म परंपरा को ठेस पहुंचाते हैं, इन्हें भक्त नहीं कहा जा सकता है। महाकाल सहित देश के सभी प्रमुख मंदिरों में मोबाइल पर रोक लगना चाहिए। मंदिर प्रबंधनों को इसकी योजना बनाना चाहिए।
मामले में मंदिर प्रशासन का कहना है कि महाकाल मंदिर में मोबाइल के उपयोग पर प्रतिबंध है। इन मामलों के बाद कोई भी व्यक्ति मोबाइल भीतर न ले जा पाए इस पर विशेष ध्यान रखा जाएगा।