उज्जैन(Ujjain 84 Mahadev)। धर्मधानी उज्जैन में सिंहस्थ 2028 को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा बीते दो दिनों से लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना बना रहे हैं।
शिप्रा स्नान, महाकाल दर्शन व भीड़ नियत्रंण को लेकर बिंदुवार चर्चा हो रही है, लेकिन इन सब के अलावा शहर के प्राचीन मंदिरों के उन्नयन का प्लान भी तैयार किया जा रहा है। इनमें महाकाल वन में स्थित चौरासी महादेव के मंदिर विशेष हैं। उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वार करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से इन्हें संवारने का प्लान तैयार किया जा रहा है।
हजारों भक्त आते हैं 84 महादेव के दर्शन करने
उज्जैन विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप कुमार सोनी ने बताया कि चौरासी महादेव मंदिरों का विकास प्राथमिकता से किया जा रहा है। प्रतिवर्ष देशभर से हजारों भक्त चौरासी महादेव के दर्शन करने उज्जैन आते हैं।
श्रावण व अधिक मास में चौरासी महादेव दर्शन यात्रा भी निकाली जाती है। देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हों इसको लेकर समग्र योजना बनाई जा रही है। सलाहकार से मंदिरों का अध्ययन कराकर डिजाइन तैयार कराई गई है।
इन चीजों का होगा निर्माण
विचार-विमर्श के बाद, जो योजना तैयार हुई है, उसमें मंदिरों का विकास, आसपास की खाली जमीन का विकास, बाउंड्रीवाल, पहुंच मार्ग, रंगरोगन, लाइटिंग, हरियाली तथा नाली आदि का निर्माण शामिल है। जिन मंदिरों में जिस प्रकार के काम की आवश्यकता होगी, वह कराया जाएगा। कुल मिलाकर मंदिरों के संपूर्ण विकास की योजना बनाई गई है।
पिछले सिंहस्थ में भी हुआ था काम
चौरासी महादेव मंदिरों को लेकर सिंहस्थ 2016 में भी योजना बनाई गई थी। इसके तहत कई मंदिरों में परिसर आदि का निर्माण भी कराया गया था। प्राचीन मंदिर काले पत्थरों से निर्मित हैं, लेकिन शिखर पर रंग-रोगन तथा मरम्मत आदि के काम किए गए थे। इस बार महापर्व के पहले से संधारण शुरू होगा, इससे काम में गुणवत्ता भी बनी रहेगी।
भोपाल के लाल परेड मैदान में दिखी थी झलक
इस वर्ष भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में उज्जैन के चौरासी महादेव मंदिरों की झलक दिखाई दी थी।
महाराज विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी के मार्गदर्शन में विरासत से विकास के अमर नायक राजा भोज देव के स्वर्णिम कालखंड पर बनाई गई झांकी में लघु फिल्म के माध्यम से उज्जैन के चौरासी महादेव के मंदिरों को भी दिखाया गया था। इससे स्पष्ट है कि इन मंदिरों का विकास मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार की प्राथमिकता सूची में शामिल है।