बांदा: 10वीं पास युवक ने अल्ट्रासाउंड जांच में जिंदा नवजात को बताया मृत, बोला- आबर्शन करा लो; बांदा में फर्जी डायग्नोस्टिक लैब का खुलासा

उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद में पैथालॉजी के नाम पर हो रही है धांधली का भंडाफोड़ हुआ है. यहां चल रहे डायग्नोस्टिक लैब बिना किसी रेडियोलॉजिस्ट के चलाये जा रहे हैं. इन लैब को चलाने वाले हाईस्कूल पास लड़के है, जो बिना किसी डॉक्टर की मौजूदगी के लोगों का चेकअप करते हैं. यह मामला तब सामने आया जब एक लैब ने गर्भावस्था में एक महिला के शिशु के मृत्यु की रिपोर्ट दे दी. जबकि दूसरी जगह अल्ट्रासाउंड करने पर बच्चा जीवित है और उसकी धड़कन ठीक है.

इस पर ,पीड़ित के परिजन ने जिलाधिकारी से मिलकर ऐसे डायग्नोस्टिक सेंटरों को सील लगाने की अपील की और इन पर मेडिकल एक्ट के तहत मुकदमा चलाए जाने की बता कही. उनका कहना था की वे लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे है. इनके पास कोई रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर नहीं है. ये लोग फर्जी डॉक्टरों की डिग्री लगाकर दुकान चला रहें है. ऐसे लोगों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए, ताकि आने वाले समय में लोगों को इसका शिकार होने से बचाया जा सके.

हाईस्कूल किये लोग चला रहे डायग्नोस्टिक लैब

दरअसल बांदा जनपद चित्रकूट धाम मंडल का मुख्यालय है. वर्तमान समय में यहां मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल है. इसकी वजह से सैकड़ों डायग्नोस्टिक सेंटर बांदा मुख्यालय एवं तहसीलों में खुल गये है. इनमें कोई भी रेडियोलॉजिस्ट नहीं बैठता क्योंकि इतनी ब्रांच बनाई गई है कहां-कहां रेडियोलॉजिस्ट पहुंचेगा. इन पर काम करने वाले लोग हाई स्कूल पास-फेल, इंटर और ग्रेजुएशन किए हुए लोग हैं. उनका मेडिकल पैथोलॉजी का कोई ज्ञान नहीं है. इसी के चलते बुंदेलखंड डायग्नोस्टिक सेंटर में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है.

गलत रिपोर्ट के साथ गर्भपात की सलाह

मामले में जिला कलेक्टर जे रीभा के पास पीड़िता का पति शिव प्रताप सिंह ग्राम महोखर ने कुछ ग्रामीण और भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष के साथ एक शिकायत पत्र देकर अपनी आपबीती सुनाई. इस दौरान उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी ने गर्भवती होने के दौरान बुंदेलखंड डायग्नोस्टिक सेंटर पर चेकअप कराया था. इस दौरान अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में लैब ने गर्भ में पल रहे नवजात को मृत बताया था और गर्भपात करवाने की सलाह दी थी. इस दौरान पीड़िता मानसिक तनाव में रही.

सेंटर के खिलाफ कार्रवाई की मांग

इसके बाद कुछ लोगों की सलाह पर पीड़िता के पति ने बजरंग ने दुसरे डायग्नोस्टिक सेंटर में अल्ट्रासाउंड कराया. जिसमें बच्चा स्वस्थ था और उसकी धड़कन ठीक थी. यदि पूर्व अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट के अनुसार अपनी पत्नी का अबॉर्शन कर देता तो एक भ्रूण हत्या होती. उन्होंने कहा यह डायग्नोस्टिक सेंटर न जाने कितनों के साथ ऐसा कर चुका होगा. ऐसे में उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

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