‘उम्मीद-ए-शहर’ व्हाट्सएप ग्रुप और 600 पाकिस्तानी नंबरों से संपर्क… जासूसी केस में कई बड़े खुलासे

बनारस से गिरफ्तार किए गए जासूस तुफैल के बारे में जानकारी मिली है कि कि यह गिरोह बनाकर जासूसी कर रहा था. आराेप है कि वह ‘उम्मीद-ए-शहर’ नामक वॉट्सएप ग्रुप के जरिए युवाओं को भड़काने और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल करने का काम कर रहा था. इस मामले में वाराणसी निवासी तुफैल की गिरफ्तारी के बाद कई नई जानकारी सामने आई है.

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सूत्रों के मुताबिक, तुफैल वर्ष 2022 में पंजाब में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट नौशाद मेमन से मिला था. इसके बाद उसे इस ग्रुप से जोड़ा गया. तुफैल ने भारत के कई संवेदनशील स्थानों जैसे राजघाट, नमोघाट, ज्ञानवापी मस्जिद, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद, लाल किला आदि की तस्वीरें पाकिस्तानी नंबरों पर साझा की थीं. एटीएस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है. तुफैल के बीते दिनों के मूवमेंट और सोशल मीडिया गतिविधियों की छानबीन की जा रही है. तुफैल करीब 600 पाकिस्तानी नंबरों से जुड़ा हुआ था. इसके अलावा, दिल्ली निवासी हारुन को भी पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है.

पूछताछ में हारुन ने स्वीकार किया है कि वह पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी मुजम्मल हुसैन के संपर्क में था. एटीएस को शक है कि हारुन ने मुजम्मल को कुछ भारतीय बैंक खातों की जानकारी उपलब्ध कराई थी. मुरादाबाद से पकड़े गए आईएसआई एजेंट शहजाद से भी पूछताछ जारी है. 21 मई को वाराणसी के तुफैल और दिल्ली निवासी मोहम्मद हारुन को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. आने वाले दिनों में इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां संभव हैं.

धार्मिक आयोजनों में बढ़ी रुचि, मौलवियों से रहा करीबी संपर्क

तुफैल के बारे में उसके परिजनों और ननिहाल के लोगों ने बताया कि वह काफी धार्मिक प्रवृत्ति का था. उर्स, जलसा और तकरीरों में उसकी लगातार भागीदारी रहती थी. वह मौलवी और मौलानाओं के साथ लगातार संपर्क में रहता था. उसके मामा के बेटे मो. शकलेन ने बताया कि तुफैल 2014 में अपने माता-पिता के तलाक के बाद अपनी मां के साथ अपने ननिहाल नवापुरा, हनुमान फाटक, थाना आदमपुर में रहने लगा था. उसकी मां जाहिदा बीबी की तबीयत ठीक नहीं रहती थी, इसलिए परिजनों ने मिलने से इनकार कर दिया.

शकलेन ने बताया कि तुफैल तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा था. पिता मकसूद आलम दोषीपुरा, जैतपुरा में रहते हैं, लेकिन तलाक के बाद उनका कोई संबंध बच्चों और पत्नी से नहीं रहा.पढ़ाई छोड़ने के बाद तुफैल ने बिनकारी का काम शुरू किया. जब इसमें मंदी आई, तो वह पीवीसी का काम करने लगा, जिसे वह अब तक करता आ रहा था. शकलेन ने बताया कि तुफैल का दिनचर्या नियमित नहीं था और वह देर रात तक बाहर रहता था.

एटीएस की निगरानी में आया तुफैल, फिर हुई गिरफ्तारी

उत्तर प्रदेश एटीएस को खुफिया इनपुट मिला था कि वाराणसी निवासी एक व्यक्ति भारत की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान को भेज रहा है. इस पर एटीएस वाराणसी यूनिट ने जांच शुरू की, जिसमें पाया गया कि आरोपी तुफैल पाकिस्तान में सक्रिय लोगों के सीधे संपर्क में है. पूरी जांच के बाद 22 मई को एटीएस लखनऊ द्वारा तुफैल को वाराणसी के आदमपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया. उसके खिलाफ थाना एटीएस लखनऊ में केस दर्ज किया गया.

नफीसा की भूमिका अहम

तुफैल की गिरफ्तारी के बाद जिस सबसे अहम पहलू का खुलासा हुआ, वह थी पाकिस्तानी महिला नफीसा की भूमिका. फेसबुक के माध्यम से तुफैल का नफीसा से संपर्क हुआ था. नफीसा ने भावनात्मक और धार्मिक संवादों के जरिए तुफैल को अपने जाल में फंसा लिया. उसका पति पाकिस्तानी सेना में है, जिससे यह साफ होता है कि यह कोई व्यक्तिगत संवाद नहीं बल्कि एक रणनीतिक हनी ट्रैप था.

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