MP के बालाघाट में मिला घातक विस्फोटकों का ‘लावारिस गोदाम’, 300 मीटर दूर स्कूल, डेढ़ किमी पर है गांव

सर्चिंग के दौरान जवानों को अक्सर नक्सली डंप में डेटोनेटर, जिलेटिन जैसे घातक विस्फोटक मिलते आए हैं, लेकिन नक्सलियों तक ये विस्फोटक कैसे और किस माध्यम से पहुंच रहे हैं, पुलिस इसकी तफ्तीश में जुटी है। जांच की कड़ी को जोड़ते हुए बालाघाट पुलिस मंडला के बीजाडांडी अंतर्गत डूंगरिया के जंगल में खेत पर बने उस गोदाम तक पहुंची है, जिसके संचालन में सुरक्षा मानकों की खुलेआम अनदेखी की जा रही थी।

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2023 में स्थापित इस गोदाम में भारी मात्रा में एक्सपायर हो चुका विस्फोटक भंडारित मिला है। विस्फोटक अधिनियम के जो सुरक्षा नियम होते हैं, उन नियमों का यहां पालन नहीं हो रहा था। गोदाम, लावारिस हालात में है, जहां पुलिस को न सुरक्षा गार्ड मिला, न सीसीवीटी कैमरे, न ही बाउंड्रीवाल। दो साल में ही खंडहर में बदल चुके इस गोदाम के चारों तरफ झाड़ियां हैं। डीएसपी (हाकफोर्स) आशीष पटेल ने बताया कि गोदाम से महज 300 मीटर की दूरी पर स्कूल है। डेढ़ किमी पर गांव है।

बगैर सुरक्षा के भारी मात्रा में रखा विस्फोटक कभी भी बड़ी घटना का कारण बन सकता था। नक्सली, गोदाम लूट भी सकते थे। इसलिए पुलिस ने गोदाम को सील किया है। पुलिस ने नर्मदा इंटरप्राइजेस के मालिक तथा लाइसेंस धारक हरजिंदर सिंह गुजराल, मैनेजर प्रदीप झारिया और गार्ड प्रमोद कुमार दाहिया से पूछताछ शुरू कर दी है। बता दें कि गोदाम में 3075 किलो जिलेटिन, 6995 नग डेटोनेटर, समेत अन्य घातक विस्फोटक हैं, जिसे सील कर दिया गया है।

नागपुर की सोलर इंडस्ट्री से मांगी डीलरों की लिस्ट

पुलिस जानकारी के अनुसार, 2023 से नर्मदा इंटरप्राइजेस डीलर के रूप में बोरवेल खनन, स्टोन क्रशर कंपनी, माइंस या अन्य ब्लास्टिंग करने वाले कंपनियों को विस्फोटक बेचता आ रहा है। नर्मदा इंटरप्राइजेस में नागपुर की सोलर इंडस्ट्री से विस्फोटकों की खरीदारी होती है। सोलर इंडस्ट्री बड़ी फर्म है, जो मप्र सहित महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे राज्यों में विस्फोटकों की वैध तरीके से सप्लाई करती है।

पुलिस ने सोलर इंडस्ट्री से भी पत्राचार कर उन डीलर की सूची मांगी है, जिसे विस्फोटकों की सप्लाई की जाती है। जांच में सामने आया है कि नर्मदा इंटरप्राइजेस मंडला में तीन विक्रेताओं को विस्फोटक क्रय करता है। इसमें कुलदीप गुप्ता, दादा थनथनपाल स्टोन क्रशर और हीरक इन्फ्रा माइन है।

अब मंडला प्रशासन की निगरानी में गोदाम

बालाघाट पुलिस की सीलबंद कार्रवाई के बाद गोदाम की निगरानी अब मंडला जिला प्रशासन के अधीन है। अब बड़ा सवाल खड़ा एक्सपायर हो चुके इन विस्फोटकों को किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा या नहीं। डीएसपी पटेल ने बताया कि इस संबंध में नागपुर की सोलर इंडस्ट्री और पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी आर्गनाइजेशन (पीईएसओ) से संपर्क कर गोदाम में भंडारित विस्फोटकों को लेकर निर्णय लिया जाएगा। दस्तावेजों की जांच से स्पष्ट हुआ है कि नर्मदा इंटरप्राइजेस द्वारा खपत से अधिक विस्फोटक भंडारित किया गया है। पुलिस इसी बिंदू पर जांच करेगी कि आखिर खपत से अधिक विस्फोटक रखने का मकसद क्या है।

  • कल आठ सितंबर को गढ़ी पुलिस जांच से जुड़े अन्य तथ्य जुटाएगी।
  • मंडला के बाद अब जबलपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना में भी जांच होगी।
  • बालाघाट में एचसीएल, मायल व अन्य माइंस सीधे कंपनी से विस्फोटक खरीदते हैं।
  • गोदाम में सोलर प्राइम गोल्ड, इको पावर सोलर, डेटोनेटर, जिलेटिन, सोलर कोर्ड हैं।

एक्सपायर विस्फोटक हो सकता है घातक

विस्फोटक अधिनियम के अनुसार विस्फोटकों के उपयोग की निश्चित वैधता होती है। वैधता समाप्त होने के बाद आमतौर पर विस्फोटक का प्रभाव कम होता है, लेकिन कई बार ये घातक भी हो सकते हैं। इनके रख-रखाव में चूक या विद्युतीकरण से संपर्क में आने से विस्फोटक में ब्लास्ट भी हो सकता है। इसलिए एक्सपायर हो चुके विस्फोटक हमेशा के लिए निष्क्रिय या प्रभावहीन हो गए हैं, ऐसा आंकलन करना, जानलेवा भूल हो सकती है।

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