सागर में 4 साल की बच्ची से रेप के बाद मर्डर का आरोपी जेल में है। आरोपी उसी के गांव का रहने वाला नीलेश प्रजापति (27) है। बच्ची उसे चाचा कहती थी। वारदात को अंजाम देने के बाद वह दिनभर बच्ची को तलाशने का नाटक करता रहा। पुलिस ने DNA रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को पकड़ लिया।
जैसीनगर थाना क्षेत्र के ग्राम चांदौनी में 8 अप्रैल को 4 साल को बच्ची लापता हो गई थी। 10 अप्रैल को बच्ची का शव कुएं के पास खेत में मिला। पीएम रिपोर्ट में सामने आया कि बच्ची के साथ रेप कर गला-मुंह दबाकर हत्या की गई है। पुलिस ने अपहरण, रेप और हत्या की धाराओं में केस दर्ज मामला जांच में लिया।
पुलिस के सामने आरोपी का कबूलनामा
एडिशनल एसपी लोकेश सिंहा ने बताया कि आरोपी नीलेश प्रजापति ने पूछताछ में बताया कि ‘मेरी नीयत पहले से ही बच्ची पर थी। 8 अप्रैल की रात करीब 11 बजे खेत में बने बच्ची के मकान के पास पहुंचा। यहां घात लगाकर बैठ गया। परिवार का पालतू कुत्ता घर के पास नहीं दिखा तो उसके घर पहुंच गया। यहां आंगन में माता-पिता और दोनों बहनों के साथ 4 साल की बच्ची भी सो रही थी। नींद में ही उसे उठा ले गया। बालिका को इसलिए उठाया, क्योंकि वह कोने में सो रही थी और आसानी से उठा पा रहा था। बालिका को घर से करीब 700 मीटर दूर खेत में ले गया।
यहां उसके साथ गलत काम करने लगा। नींद खुलने पर बालिका चिल्लाई, तो उसका मुंह और गला दबा दिया। वह बेहोश हो गई। इसी बीच, बालिका के परिवारवालों ने तलाश शुरू कर दी। गांववाले भी पहुंच गए। घबराकर बच्ची के शव को खेत के पास झाड़ियों में छिपा दिया। इसके बाद घर आकर सो गया, जिससे सभी को लगे कि मैंने कुछ नहीं किया। गांववालों के साथ मैं भी बच्ची के घर पहुंच गया। इधर, पुलिस भी आ गई थी। परिवारवालों और पुलिस के साथ बालिका की तलाश कराने लगा। दूसरे दिन यानी 9 अप्रैल की देर रात झाड़ियों से शव निकाला। डॉग स्क्वॉड भी पहुंचा था। गांव में द्वारका प्रजापति के खेत में बने कुएं के पास फेंक दिया। मैंने ही गांव के सेवक नाम के व्यक्ति को खेत में शव पड़ा होने की जानकारी दी थी।’
50 लोगों से पूछताछ, मुख्य आरोपी से 4 बार पूछताछ
पुलिस ने गांव के 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की। पुलिस ने सबसे पहले शव देखने वाले की जानकारी निकाली। पता चला कि सेवक नाम के व्यक्ति ने शव देखा है। पुलिस ने सेवक को बुलाया और पूछताछ की। उसने बताया कि नीलेश प्रजापति ने उसे शव के बारे में बताया था। शक होने पर पुलिस ने नीलेश को थाने बुलाया। वह बालिका की सर्चिंग के दौरान भी पुलिस और परिवारवालों के साथ घूम रहा था। पूछताछ में वह टालमटोल करता रहा। इस केस में करीब 4 बार पुलिस ने नीलेश से पूछताछ की। बयानों में अलग-अलग तथ्य सामने आए। इससे पुलिस का शक गहरा गया।
डीएनए सैंपल भेजा, रिपोर्ट में खुलासा
पुलिस को गांव के करीब 6 अन्य लोगों पर शक था। पुलिस ने नीलेश समेत 7 लोगों के सैंपल लेकर DNA सैंपल जांच के लिए भेजे। 23 अप्रैल को रिपोर्ट मिली। इसमें नीलेश का सैंपल बालिका से मिलान हो गया। इसके बाद पुलिस ने नीलेश की तलाश शुरू कर दी। पता चला कि आरोपी घर से लापता है।
घर-जमीन बेचकर जाने वाला था आरोपी
पुलिस की लगातार पूछताछ में आरोपी को लगा कि उसका भेद खुल जाएगा। उसका सैंपल भी ले लिया था। बचने के लिए आरोपी नीलेश गांव से भागकर बीना रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया। इसी दौरान उसने राहगीर के मोबाइल से छोटे भाई को फोन किया। उसने छोटे भाई को कहा- घर-जमीन बेचकर बाहर रहेंगे। इसके बाद पुलिस कुछ नहीं कर पाएगी। इस दौरान पुलिस आरोपी के घर पर मौजूद थी। पुलिस ने उक्त मोबाइल नंबर की साइबर सेल से लोकेशन ट्रैस कराई। उसकी लोकेशन बीना रेलवे स्टेशन पर मिली। पुलिस टीम ने 26 अप्रैल को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने वारदात कबूल कर ली।
नशे का आदी है आरोपी, सूरत-गुजरात से वापस गांव आया
आरोपी नीलेश प्रजापति के घर में माता-पिता और छोटा भाई है। नीलेश नशे का आदी है। पहले वह गुजरात और सूरत में साड़ियों के कारखाने में काम करता था। कुछ समय से वह गांव में ही रहता था। गांव में रहकर मजदूरी करता है। बताया जा रहा है कि वारदात से पहले आरोपी ने पीड़ित परिवार के खेत में फसल की थ्रेसिंग भी कराई थी, तभी से वह बच्चियों पर गलत नजर रखता था। आरोपी की शादी नहीं हुई है।