रीवा में बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के नाम पर ठगी, मामले में जुटी पुलिस

रीवा: शहर में बेरोजगार युवाओं से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का एक गंभीर मामला सामने आया है. इस ठगी का आरोप शहर में संचालित एक निजी कंपनी, स्मार्ट वैल्यू लिमिटेड पर लगाया गया है.

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आधे सैकड़े से अधिक युवक-युवतियां समान थाना पहुंचकर कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. बताया गया कि कंपनी ने पहले उन्हें सुनहरे सपने दिखाए और नौकरी का झांसा दिया. कंपनी ने दावा किया कि वह एजुकेशनल और हेल्थ प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराती है. इसके तहत उन्होंने युवाओं से 15,000 से 20,000 रुपये तक जमा कराए और प्रति माह 10,000 रुपये की सैलरी का वादा किया.

 

हालांकि, पैसे जमा कराने के बाद न तो उन्हें कोई नौकरी मिली और न ही वेतन. पीड़ितों का आरोप है कि कंपनी ने कार्यालय बार-बार बदलकर और आखिर में कार्यालय बंद करके उन्हें धोखा दिया.

पीड़ितों ने आरोप लगाया कि इस ठगी में कंपनी के प्रमुख संचालक मुनिराज विश्वकर्मा और निर्मल कुमार शामिल हैं.

कंपनी ने कहा था कि वे पढ़ाई और जॉब का प्रबंध करेंगे. पैसे जमा करने के बाद कंपनी ने फोन बंद कर दिए और कार्यालय बदल दिए. युवाओं को नए लोगों को जोड़ने का काम दिया गया. कंपनी द्वारा दिए गए सर्टिफिकेट फर्जी साबित हुए और ट्रेनिंग के नाम पर कुछ नहीं दिया गया.

 

पुलिस की भूमिका पर सवाल

पीड़ितों ने कहा कि पुलिस उनकी शिकायतों पर उचित कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने समान थाना और सिविल लाइन थाना में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

युवाओं ने कंपनी और उसके संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने अपने जमा किए गए पैसे की वापसी और दोषियों को सजा दिलाने की अपील की है.

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