केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बीच साल 2009 में न्यूयॉर्क में आयोजित एक डिनर को लेकर बहस हुई, जिसमें विवादास्पद अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस भी शामिल थे. उस समय संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि रहे हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उन्होंने शशि थरूर के लिए डिनर को होस्ट किया था, आमंत्रित लोगों की सूची में सोरोस भी शामिल थे, जो कांग्रेस नेता ने ही उपलब्ध कराई थी.
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि शशि थरूर जो उस समय विदेश राज्य मंत्री थे, उन्होंने मई 2009 में जोर्ज सोरोस से मुलाकात की थी और इस बारे में ट्वीट भी किया था. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि यही एकमात्र मौका था, जब उन्होंने सोरोस से मुलाकात की थी.
‘कांग्रेस नेता ने उपलब्ध कराई थी गेस्ट लिस्ट’
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मेरे मित्र डॉ. शशि थरूर, जो डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज में छात्र थे, जब मैं वहां शिक्षण संकाय का सदस्य था, संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि के रूप में मेरी नियुक्ति के कुछ समय बाद ही तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री के रूप में शशि थरूर न्यूयॉर्क पहुंचे थे. मैंने 11 अक्टूबर 2009 को उन्हें और उनके साथी को नाश्ते पर और फिर 12 अक्टूबर 2009 की शाम को डिनर पर आमंत्रित किया था. चूंकि मैं उस समय शहर में कुछ ही महीने पहले गया था, लेकिन डॉ. शशि थरूर ने न्यूयॉर्क में काफी समय बिताया था, इसलिए मैंने डिनर के लिए आमंत्रित लोगों की सूची नहीं बनाई थी, यह सूची मुझे मंत्री थरूर ने दी थी.
‘गेस्ट लिस्ट देखकर थरूर से बात की थी’
केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि राजनयिक बिरादरी के सदस्यों के अलावा मैंने सूची में जॉर्ज सोरोस का नाम देखा और मुझे याद है कि मैंने तत्कालीन मंत्री से इस बारे में बात की थी, जो मई 2009 में उनसे मिले थे और इस बारे में ट्वीट भी किया था. मेरे जीवन में वह एकमात्र अवसर था, जब मैं जॉर्ज सोरोस से मिला था. पुरी ने कहा कि ये सच है कि सोरोस का नाम लिस्ट में शामिल था, क्योंकि वह राजीव गांधी फाउंडेशन के लाभार्थियों में से एक थे, और तत्कालीन मंत्री शशि थरूर उनसे मिलने के इच्छुक थे. पुरी की प्रतिक्रिया तब आई जब शशि थरूर ने सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा उनके 15 साल पुराने ट्वीट को खोज निकालने के बाद जॉर्ज सोरोस के साथ अपने किसी भी तरह के वित्तीय या राजनीतिक संबंध होने से दृढ़ता से इनकार किया. जिसमें उन्होंने अरबपति सोसेस को अपना “पुराना दोस्त” बताया था.
थरूर ने नहीं उठाया मेरा फोनः हरदीप पुरी
शशि थरूर ने पुराने ट्वीट पर विवाद को बेतुका बताया और साफ कहा कि उन दोनों के बीच तब बहुत सीमित बातचीत हुई थी, इस पुराने ट्वीट के बाद वह सोरोस से सिर्फ एक बार हरदीप सिंह पुरी द्वारा आयोजित डिनर में मिले थे. इसके जवाब में पुरी ने कहा कि जब डॉ. थरूर ने डिनर के बारे में ट्वीट किया, तो मैंने उन्हें संदर्भ याद दिलाने के लिए 15 दिसंबर को फोन किया, आमतौर पर वह बहुत तत्पर रहते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया.
थरूर ने किया पलटवार
शशि थरूर और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छल करने की प्रमुख कलाओं में भाषा को अक्सर गौरवपूर्ण स्थान दिया गया है, कांग्रेस पार्टी में मेरे कुछ मित्र इसमें माहिर हैं, लेकिन वे अपने रिस्क पर ट्वीट करते हैं. इस पर शशि थरूर ने फिर पलटवार किया और सुबह-सुबह किए गए ट्वीट में थरूर ने कहा कि उनकी और हरदीप पुरी की यादें अलग-अलग हैं, लेकिन एक राजदूत को अतिथि सूची मिलना पूरी तरह से उचित था.
कांग्रेस सांसद ने खारिज किए केंद्रीय मंत्री के आरोप
केंद्रीय मंत्री पुरी द्वारा सोरोस पर राजीव गांधी फाउंडेशन के लाभार्थी होने के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद थरूर ने इसे खारिज किया और कहा कि प्रिय हरदीप, उनका (जॉर्ज सोरोस) भारत में किसी भी समूह से कोई संबंध नहीं है. हमारी यादें अलग-अलग हैं.आपके द्वारा आयोजित डिनर में कई ऐसे गेस्ट मौजूद थे, जिनसे मैं पहले कभी नहीं मिला था, लेकिन मैं इस पर आपत्ति नहीं कर रहा हूं. यह पूरी तरह से ठीक है कि ऐसे अवसर पर भारतीय राजदूत के पास प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय विचारों वाले लोगों की एक विस्तृत सूची होनी चाहिए. मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि हम दोनों न्यूयॉर्क या जिनेवा में अपने जीवन के शुरुआती चरणों में किसी के साथ अपने संपर्कों को अस्वीकार करें.
थरूर ने कहा कि जब से आपने इसका उल्लेख किया है तो मुझे इस बात की पूरी तरह से जानकारी नहीं थी कि जॉर्ज सोरोस का भारत में किसी भी फाउंडेशन से कोई संबंध है, और मैंने कभी भी इस बारे में उनसे चर्चा नहीं की. मुझे बस इतना याद है कि उस अवसर पर उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग के लिए पश्चिम की जिम्मेदारी पर हमारी सरकार के रुख पर कड़ी आपत्ति जताई थी.
सोरोस पर हंगामा क्यों?
बता दें कि सोरोस पर विवाद पिछले सप्ताह संसद में तब भड़क गया था, जब भाजपा नेताओं ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर अरबपति सोरोस के साथ साठगांठ का आरोप लगाया था. भाजपा का आरोप है कि सोरोस, भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही ये भी आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने राजनीतिक अभियानों के लिए सोरोस के फंड का इस्तेमाल कर रही है. दरअसल, जॉर्ज सोरोस नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं, जिस कारण सत्तारूढ़ पार्टी नाराज है.