रामनगर (नैनीताल):- नैनीताल जिले के रामनगर में परिवहन विभाग का ओवरलोड वाहनों के खिलाफ अभियान एक बड़े विवाद का कारण बन गया। शुक्रवार को विभाग की कार्रवाई के दौरान ऐसा वाकया सामने आया जिसने विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए। ओवरलोड पिकअप वाहन को पकड़ने के बाद अधिकारियों ने उसमें सवार 20 से अधिक यात्रियों को गाड़ी समेत कार्यालय परिसर में ताला लगाकर बंद कर दिया, जिससे अफरा-तफरी मच गई।
क्या है मामला?
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से एक पिकअप (UP 21 ET 8194) में 20 से ज्यादा यात्री (महिलाएं और बच्चे सहित) गर्जिया मंदिर दर्शन करने आए थे। चेकिंग के दौरान परिवहन विभाग की टीम ने ओवरलोड पिकअप को रुकने का इशारा किया, लेकिन चालक ने कुछ दूरी पर जाकर गाड़ी रोकी। वाहन को जब्त कर रामनगर परिवहन कार्यालय लाया गया।
यहां तक मामला सामान्य प्रशासनिक कार्रवाई जैसा था, लेकिन विवाद तब शुरू हुआ जब यात्रियों को भी गाड़ी समेत परिसर में बंद कर दिया गया। करीब एक घंटे तक महिलाएं और बच्चे भूख-प्यास से बेहाल रहे। इस दौरान कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी और यात्री मदद के लिए चिल्लाते रहे। मीडिया के पहुंचने पर मामला गरमाया और फिर ताला खोलकर यात्रियों को बाहर निकाला गया।
यात्रियों के आरोप
पिकअप चालक संजीव और यात्रियों ने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारियों ने उनके साथ बदसलूकी की, गाली-गलौज की और मोबाइल फोन भी छीन लिया।
“वाहन को सीज करना कानूनन सही है, लेकिन यात्रियों को घंटों बंद रखना अमानवीय और गैरकानूनी है।” – एक यात्री
विभाग की सफाई
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी सचिन कुमार ने कहा –
“मेरा निर्देश सिर्फ वाहन को कार्यालय परिसर में खड़ा करने का था। यात्रियों को बंद करना अनुचित था। यह गलती कर्मचारियों से हुई है। मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि जब उन्हें घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत ताला खुलवाने का आदेश दिया।रामनगर में ओवरलोडिंग चेकिंग के नाम पर हुई इस घटना ने प्रशासन की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि विभाग इस मामले में दोषियों पर कैसी कार्रवाई करता है।