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₹1000 किलो बालू ले लो… झारखंड विधानसभा में CM सोरन के खिलाफ BJP विधायकों का अनोखा प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा का नजारा इन दिनों बदला बदला सा है. प्रदेश की सियासत में उबाल आया हुआ है. मानसून सत्र के दौरान बीजेपी विधायकों ने पूरी रात जमीन पर चादर डालकर अनोखे तरीके से राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. बीजेपी नेता प्रदेश में युवाओं के रोजगार, अनुबंध कर्मियों को स्थायी करने की मांग समेत दूसरे ज्वलंत मुद्दे उठाकर हेमंत सोरेन सरकार को घेरा, जिसके बाद झारखंड के इतिहास में पहली बार एक साथ 18 बीजेपी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने सस्पेंड कर दिया गया.

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वहीं आज झारखंड विधानसभा के नजारे ने मंडी का रूप ले लिया. बीजेपी के विधायक अनोखे तरीके से सर पर बालू की बोरियां लेकर और हाथों में तराजू लेकर सदन पहुंच गए. उन्होंने बकायदा दुकान सजा ली और भाव की तख्तियां लगा दीं- बालू ₹100 से लेकर ₹1000 किलो. विधायकों ने ये जतलाना चाहा कि झारखंड में बालू की क्या कीमत है? इसका आप अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अब ट्रक और बड़े-बड़े हाईवे डंपर में नहीं बल्कि किलो से लोगों को बालू खरीदना पड़ेगा, वह भी ₹100 से लेकर ₹1000 किलो तक.

सरकार ने बताया- भाजपा गुमराह कर रही है

राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन, कांग्रेस के विधायक उमाशंकर अकेला और विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने पूरे मसले पर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आज जो लोग बालू लेकर झारखंड विधानसभा पहुंचे हैं इन्हें मालूम होना चाहिए कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों घोषणा की थी जिसके आधार पर राज्य के नॉन टैक्स पेयर वर्ग को आवास बनाने के लिए मुफ्त बालू दिया जाता है. राज्य के मंत्री हफीजुल हसन ने इस प्रदर्शन को केवल जनता को भ्रमित करने वाला बताया.

बीजेपी ने लगाया दूसरे राज्यों में बालू बेचने का आरोप

वहीं भारतीय जनता पार्टी के विधायक शशि भूषण मेहता जो कि ₹1000 किलो बालू बेच रहे थे और यह कह रहे थे- यह कांची नदी का बालू है, उत्तम क्वालिटी का बालू है. भारतीय जनता पार्टी के ही विधायक मीरा यादव और मुख्य सचेतक बिरंचि नारायण भी ₹100 किलो बालू बेच रहे थे. भाजपा विधायकों ने हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने राज्य के बालू को बड़े-बड़े उद्योगपतियों के हाथों नोएडा सहित देश के दूसरे हिस्सों में बेचने का काम किया है.

पिछले दिनों सोरेन सरकार ने की थी बड़ी घोषणा

पिछले दिनों मानसून सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में कहा था कि राज्य के वैसे गरीब परिवार जो इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं यानी जो इनकम टैक्स नहीं भरते हैं, उनको राज्य सरकार मुफ्त उनके आवास निर्माण के लिए बालू मुहैया कराएगी. माना जा रहा था कि हेमंत सोरेन द्वारा की गई घोषणा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एक मास्टरस्ट्रोक साबित होगा. लेकिन भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने ₹100 से लेकर ₹1000 किलो तक बालू विधानसभा में बेचकर सरकार के दावों की पोल खोलने की कोशिश की है.

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