छत्तीसगढ़ के बेलनटोला में अनोखी आस्था: रोड रोलर के चक्के की पूजा, बेलन बाबा बने श्रद्धा का केंद्र

छत्तीसगढ़ :  गौरेला पेंड्रा मरवाही दूरस्थ क्षेत्र में एक अनोखा और आश्चर्यजनक भक्ति भाव देखने को मिला है. कहते हैं, अगर श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा की जाए, तो पत्थर में भी भगवान नजर आते हैं. यह कहावत आपने तो सुनी होगी, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कहानी बता रहे हैं, जिसे जानकर आप भी कहेंगे कि लोग किसी भी वस्तु में अपने भगवान को ढूंढ लेते हैं.

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दरअसल, हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के दूरस्थ ग्राम जिल्दा और सैला के बीच बेलनटोला की. यहां एक रोड रोलर के चक्के की लोग पूजा-अर्चना करते हैं, और यह उनकी आस्था का केंद्र बन चुका है.

 

कहानी कई वर्ष पुरानी है. बताया जाता है कि सड़क निर्माण के दौरान एक रोड रोलर का चक्का निकलकर पास के खेत में चला गया था. सड़क बनाने वाली कंपनी के कर्मचारियों ने इसे वापस लाने की बहुत कोशिश की, लेकिन भारी-भरकम चक्का अपनी जगह से टस से मस नहीं हुआ, बल्कि और धंसता चला गया। कई बार कोशिश करने के बावजूद हर बार नाकामी हाथ लगी.

 

लगभग 60-70 साल पहले ग्रामीणों ने इसे चमत्कार मान लिया और इस रोड रोलर के चक्के को “बेलन बाबा” कहकर पूजना शुरू कर दिया. पूजा-अर्चना के बाद जब इसे हिलाने की कोशिश की गई, तो यह भारी चक्का आश्चर्यजनक रूप से हिलने लगा. देखते ही देखते यह बात आसपास के लोगों तक फैल गई, और लोग यहां आकर पूजा-अर्चना करने लगे.

 

रोचक बात यह है कि जिस खेत के चबूतरे पर यह चक्का रखा है, वहां पास ही मातिन दाई का मंदिर भी है. लोग मंदिर में पूजा करने के बाद इस बेलन बाबा के चक्के की भी पूजा करते हैं। चक्के के ऊपर “जय माता दी” लिखा हुआ झंडा लगा है, और ग्रामीण इसे दैवीय शक्ति का प्रतीक मानते हैं.

 

स्थानीय भाषा में रोड रोलर को “बेलन” कहा जाता है, और इसी के नाम पर इस मोहल्ले का नाम भी बेलनटोला पड़ गया। आज भी लोग सच्ची श्रद्धा और विश्वास के साथ इस बेलन बाबा के चक्के की पूजा करते हैं. यह कहावत कि “पूजने से पत्थर में भी भगवान मिलता है,” बेलनटोला के इस चक्के की पूजा को देखकर सही साबित होती है। ग्रामीणों ने इसे अपनी आस्था का हिस्सा बना लिया है.

 

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