भरतपुर : थर्ड जेंडर के अस्तित्व को स्वीकारने के बावजूद भारतीय समाज आज भी किन्नरों को हीनदृष्टि से देखता है. जबकि समाज के मुख्यधारा में अपनी जगह स्थापित करने के लिए किन्नर समाज दिन-रात संघर्ष कर रहा है. ऐसी ही कोशिशों के तहत राजस्थान के भरतपुर में नीतू किन्नर ने एक अनोखी पहल की है. पिछले 13 साल में उन्होंने 130 गरीब कन्याओं की शादी अपने खर्चे पर करवाई है.उन्हें 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है.
नीतू किन्नर बताती हैं कि खुशियों के मौके पर जजमानों के घर बधाई लेने जाते समय हमने जाना कि कई घरों में बेटियां शादी किए जाने की उम्र की हो गई हैं, पर उनके माता-पिता नही हैं या कहीं ऐसा परिवार भी दिखा जहां माता-पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वे अपनी बेटी की शादी का खर्च वहन नहीं कर पा रहे. 10 साल पहले इन्हीं गरीब कन्याओं का दर्द महसूस किया और उसी समय गरीब कन्याओं की शादी कराने का संकल्प किया.
नीतू किन्नर ने बताया कि प्रत्येक जोड़े को गृहस्थी का पूरा सामान दिया जाता है.इसके अलावा सोने व चांदी आदि सामान दिए जाते हैं. इस विवाह समारोह में सांप्रदायिक सौहार्द की मिशाल भी देखी जाती है.एक ओर मंत्रों की गूंज के साथ शगुन से कन्याओं के हाथ पीले हो होते हैं, तो दूसरी ओर कुरान की आयतों के साथ बेटियां निकाह कबूल करती हैं. नव वर्ष 2025 में संदेश देते हुए कहा कि आगे भी यानि जब तक जीवित रहेगी तब तक गरीब कन्याओं की शादी करती रहेगी.