मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मामले में कार्य में लापरवाही बरतने पर सतना जिले के कोतवाली थाना प्रभारी रविंद्र द्विवेदी को अनूठी सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन्हें चित्रकूट क्षेत्र में एक साल में 1000 फलदार पौधे लगाने और उनकी GPS लोकेशन सहित फोटो रिपोर्ट अदालत में पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने साफ किया कि यह कार्य 1 जुलाई से 31 अगस्त 2025 के बीच पूरा किया जाना चाहिए और पौधों की एक साल तक निगरानी भी सुनिश्चित करनी होगी।
दुष्कर्म पीड़िता को नोटिस नहीं देने पर हुई कार्रवाई
यह मामला नाबालिग से दुष्कर्म से जुड़ा है। 10 अक्टूबर 2021 को सेशन कोर्ट ने आरोपी रामअवतार चौधरी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आरोपी ने इस सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 को पीड़िता को नोटिस भेजने का आदेश दिया। यह जिम्मेदारी सतना कोतवाली पुलिस को सौंपी गई थी, लेकिन टीआई रविंद्र द्विवेदी ने समय रहते नोटिस तामील नहीं कराया।
कोर्ट की सख्ती
कोर्ट की न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और न्यायमूर्ति अवनींद्र कुमार सिंह की युगलपीठ ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए टीआई को यह वैकल्पिक दंड दिया, जो एक सामाजिक और पर्यावरणीय दायित्व भी है। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि पौधे चित्रकूट क्षेत्र में रोपे जाएं, उनकी GPS लोकेशन, फोटो और देखरेख की जिम्मेदारी टीआई की होगी।
SP सतना को दी गई निगरानी की जिम्मेदारी
हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि सतना एसपी पौधारोपण की जांच करें और इसकी रिपोर्ट अगली सुनवाई 16 सितंबर 2025 को कोर्ट में प्रस्तुत करें। यह रिपोर्ट यह सुनिश्चित करेगी कि आदेश का ईमानदारी से पालन हुआ है या नहीं।