उन्नाव पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 5 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं. इन आरोपियों के पास से सऊदी अरब की करेंसी, भारतीय पासपोर्ट और अन्य संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) की टीम भी जांच में शामिल हो गई है.
बांग्लादेशी नागरिकों के पास भारतीय दस्तावेज
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में मुख्य आरोपी अब्दुल जलील के पास मथुरा से बना भारतीय पासपोर्ट मिला है. इसके अलावा, उसके पास दिल्ली का आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड भी है. जांच में यह खुलासा हुआ है कि अब्दुल जलील ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान भी किया था, जिससे स्पष्ट होता है कि उसने अवैध तरीके से भारतीय नागरिकता के दस्तावेज हासिल किए हैं.
बैंक खाते और विदेशी मुद्रा की बरामदगी
पुलिस ने यह भी जानकारी दी है कि आरोपियों का बांग्लादेश के एक इस्लामिक बैंक में अकाउंट है. इसके अलावा, उनके पास से सऊदी रियाल (सऊदी मुद्रा) भी बरामद किए गए हैं, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि उनका संबंध किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से हो सकता है.
संदिग्ध मोबाइल फोन और विदेशी ऐप का इस्तेमाल
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के पास से 11 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. पुलिस जांच में यह सामने आया है कि एक मोबाइल फोन में 900 से अधिक सिम कार्ड का उपयोग किया गया है, जो बेहद संदेहजनक है. इतना ही नहीं, आरोपी बातचीत के लिए WhatsApp के बजाय बांग्लादेश में लोकप्रिय IMO ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे अपनी पहचान छिपाने की कोशिश कर रहे थे.
आईबी और एटीएस करेगी पूछताछ
इस पूरे मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, अब खुफिया एजेंसियां भी जांच में सक्रिय हो गई हैं. आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) और एटीएस (एंटी टेरर स्क्वाड) की टीम आरोपियों से गहन पूछताछ करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनकी गतिविधियां किसी बड़े आतंकी संगठन से जुड़ी हैं या नहीं. उन्नाव पुलिस के एसपी दीपक बूकर के इनपुट के आधार पर यह बड़ी कार्रवाई की गई है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि इन संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों ने किन तरीकों से भारतीय दस्तावेज हासिल किए और क्या इनके पीछे कोई संगठित गिरोह काम कर रहा है.