यूपी: नेगुरा गांव में हुई दिल दहला देने वाली घटना, भीम आर्मी ने उठाई न्याय की आवाज!

चंदौली : सदर कोतवाली क्षेत्र के नेगुरा गांव में बीते दिनों गाड़ी ओवरटेक को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें 45 वर्षीय बादशाह की मौत हो गई और आधा दर्जन लोग घायल हो गए. पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे मौके पर पहुंचे और साथ ही गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया.

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पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.इस दर्दनाक घटना के बाद जहां गांव में तनावपूर्ण माहौल है, वहीं भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी ने मृतक परिवार के लिए न्याय की आवाज बुलंद की है.

 

घटना के बाद, 19 मई को भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के प्रतिनिधि, पूर्व जिला अध्यक्ष शैलेश कुमार के नेतृत्व में मृतक बादशाह के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे.उन्होंने पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। इस दौरान एक अहम पहल करते हुए भीम आर्मी प्रमुख और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने वीडियो कॉलिंग के जरिए मृतक के परिजनों से बातचीत की.

वीडियो कॉल पर चंद्रशेखर आजाद ने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि दोषियों को सजा दिलाने के लिए वह हर जरूरी कदम उठाएंगे.उन्होंने कहा, “हम इस घटना को किसी भी कीमत पर अनदेखा नहीं करेंगे। भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है.न्याय की इस लड़ाई में आपको अकेला नहीं छोड़ा जाएगा.”

 

चंद्रशेखर आजाद ने घटना को लेकर अपने X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से भी पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “नेगुरा गांव में हुई हिंसा में निर्दोष की जान जाना बेहद दुखद है। प्रशासन से मांग है कि सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो और पीड़ित परिवार को न्याय मिले.”

 

इस घटना के बाद भीम आर्मी की सक्रियता ने एक बार फिर जिले में संगठन के बढ़ते प्रभाव को उजागर किया है.भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिस तरह से पीड़ित परिवार के समर्थन में कदम उठाए, उससे यह साफ हो गया है कि संगठन न केवल सामाजिक न्याय की लड़ाई में अग्रणी है, बल्कि पीड़ितों के लिए न्याय की प्रक्रिया को तेज करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

 

यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि कैसे सामाजिक संगठन पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने और समुदायों के बीच शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. भीम आर्मी की इस सक्रियता ने न केवल उनके जनाधार को मजबूत किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि वे जरूरतमंदों के लिए एक सशक्त आवाज हैं.

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