उत्तर प्रदेश के कानपुर में अहमदाबाद जा रही एक बस को चार लोगों ने हाईजैक करने का प्रयास किया. उन्होंने ड्राइवर और कंडक्टर से मारपीट की. बस को अपने कब्जे में भी ले लिया. फिर उसे तेज रफ्तार से चलाते हुए जाने लगे. लेकिन यात्रियों ने इस बीच चीख-पुकार मचा दी. रास्ते से गुजर रहे पुलिस वालों ने जैसे ही यात्रियों की चीख-पुकार सुनी उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए बस को रोका. बस को हाईजैक करने वाले चारों बदमाशों को हिरासत में ले लिया. इस तरह ड्राइवर-कंडक्टर समेत 36 यात्रियों की जान बाल-बाल बची.
घटना जालौन के उरई थानाक्षेत्र की है. यहां मां वैष्णो ट्रेवल्स की एक स्लीपर बस यात्रियों को लेकर कानपुर से अहदाबाद जा रही थी. शुक्रवार रात को 12 बजे बस जालौन के उरई स्थित कालपी बस स्टैंड पहुंची. यहां सवारियां उतारने और चढ़ाने को लेकर बस में बैठे चार लोगों से ड्राइवर और कंडक्टर से बहस होने लगी. इसी बात को लेकर उन चार लोगों ने ड्राइवर और कंडक्टर के साथ मारपीट शुरू कर दी.
इतना ही नहीं बस में बैठी कुछ सवारियों से भी उन चार लोगों ने मारपीट की. साथ ही चालक को पीटते हुए बस की स्टेयरिंग के पास से हटाया. एक बदमाश खुद वहां बैठा और बस को तेजी से चलाने लगा. चारों ने बस को हाईजैक करने की कोशिश की थी. तभी बस में बैठे यात्रियों ने शोर मचाना शुरू कर दिया. इसी दौरान उरई कोतवाली पुलिस जो रात के समय पिकेट पर लगी थी, जैसे ही उन्होंने बस में बैठी सवारियों का शोर सुना, वैसे ही पुलिस वालों ने बस के आगे अपनी गाड़ी लगाकर उसे रोक लिया. जैसे ही हाईजैक करके बस ले जा रहे सभी लोगों ने पुलिस को देखा तत्काल जिला अस्पताल पर बस रोक दी और बस में ही छिप गए.
बस रुकते ही यात्रियों ने गेट खोलकर शोर मचाते हुए नीचे उतरना शुरू कर दिया. पुलिस वालों ने यात्रियों से शोर मचाने का कारण पूछा. जिस पर यात्रियों ने उन चार लोगों पर मारपीट और बस को हाईजैक करने का आरोप लगाया. पुलिस ने फिर बस में छिपे चारों लोगों को पकड़ लिया और उन्हें हिरासत में लेकर कोतवाली ले आई. सभी से पूछताछ शुरू कर दी.
उरई कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक अजय ब्रह्म तिवारी ने बताया कि आरोपियों ने अपनी सफाई दी है. बताया कि उन्होंने शराब पी रखी थी. बस इसी क्रम में जब बस ड्राइवर और कंडक्टर से बहस हुई तो उन्होंने डराने के लिए यह सब किया. उन्होंने बस को हाईजैक नहीं किया था. फिलहाल चारों आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है.