उत्तर प्रदेश में संभल और बहराईच के बाद प्रयागराज में भी विदेशी अक्रांता सालार मसूद गाजी को लेकर बवाल शुरू हो गया है. रविवार को रामनवमी के मौके पर दर्जनों की संख्या में युवा सालार मसूद गाजी की दरगाह पर पहुंचे और बवाल काटते हुए बुर्ज पर चढ़ गए. जहां जय श्रीराम के नारे लगाते हुए भगवा ध्वज फहरा दिया. युवाओं की इस टोली का नेतृत्व महाराजा सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच के मनेंद्र सिंह ने की.
खुद को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में पूर्व छात्र नेता बताने वाले मनेंद्र सिंह ने सालार मसूद गाजी को विदेशी आक्रांता बताते हुए दरगाह को ध्वस्त करने की मांग की. कहा कि इस जगह को हिंदुओं को सौंप देना चाहिए. प्रयागराज जैसी धर्म नगरी में किसी विदेशी आक्रांता की दरगाह को किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. हालांकि दरगाह पर बवाल की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ दिया. घटना प्रयागराज जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर सिकंदरा का है.
महमूद गजनवी को सेनापति था सालार गाजी
महाराजा सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच के कार्यकर्ता रविवार की दोपहर जय श्रीराम के नारे लगाते हुए सालार मसूद गाजी की दरगाह पर पहुंचे और काफी देर तक वहां नारेबाजी करने के बाद दरगाह की बुर्ज पर चढ़ गए. जहां गुंबद पर भगवा ध्वज लहराते हुए लगा दिया. बता दें कि सालार मसूद गाजी महमूद गजनवी का सेनापति था. अजमेर से चलकर वह संभल होते हुए बहराईच पहुंचा, जहां महाराजा सुहेल देव से मुकाबले में बुरी तरह जख्मी हो गया और वहीं पर उसकी मौत भी हो गई. उसकी समाधि आज भी बहराईच में मौजूद है.
प्रयागराज में है गाजी की दो दरगाह
सालार मसूद गाजी की याद में हाल तक उत्तर प्रदेश के संभल और बहराईच में मेले लगते रहे हैं और मुस्लिम से ज्यादा हिंदु उसकी मजार पर आकर चादर चढ़ाते रहे हैं. हालांकि इस बार दोनों जगह मेले की परमिशन प्रशासन नहीं दी. इसकी वजह से इस बार दोनों स्थानों पर बवाल भी हुआ. इन दोनों स्थानों के अलावा उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर सालार गाजी की दरगाह है. इसमें दो दरगाह अकेले प्रयागराज में ही है.