Uttar Pradesh: बुलडोजर की जद में पूर्व हॉकी कप्तान मोहम्मद शाहिद का घर, परिजनों ने रखी ये शर्त

वाराणसी के पुलिस लाइन चौराहे से कचहरी चौराहे के बीच चल रहे ध्वस्तीकरण के अभियान में मकान नंबर एस 6/93 की चर्चा जोरों पर है. ये मकान भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट मरहूम पद्मश्री मोहम्मद शाहिद का है. और ये मकान भी ध्वस्तीकरण की जद में है. इस मकान को लेकर मरहूम मोहम्मद शाहिद के भतीजे ने मुआवजा को लेकर सवाल उठाए थे, लेकिन मंगलवार को मरहूम पद्मश्री मोहम्मद शाहिद की पत्नी ने TV9 भारतवर्ष की टीम से बात की हैं.

उन्होंने कहा कि हम चौड़ीकरण और विकास के खिलाफ नही हैं. जमीन के मुआवजा मिलने पर परवीन शाहिद ने कहा कि जब जमीन हमारी है ही नही तो जमीन का मुआवजा मिलेगा कैसे? कंस्ट्रक्शन का मुआवजा मिलना चाहिए और वो सरकार दे रही है. लेकिन प्रशासन से ये रिक्वेस्ट है कि जो भी मुआवजा मिले वो सबको बराबर मिले. आगे उन्होंने कहा कि कचहरी वाला मकान शाहिद साहब का ही बनवाया हुआ था इसलिए मुआवजा चाहें कंस्ट्रक्शन का मिले या किसी और चीज का सबको बराबर मिले.

‘हमें ध्वस्तीकरण से कोई समस्या नहीं’

पद्मश्री मोहम्मद शाहिद की पत्नी परवीन ने कहा कि शाहिद साहब की जिंदगी देश के लिए थी, उनका परिवार देश और उत्तर प्रदेश के विकास के साथ खड़ा है, विकास के लिए चौड़ीकरण जरूरी है, हमें ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया से कोई समस्या नहीं है. इसके अलावा भी शहर में अलग-अलग इलाकों में प्रशासन चौड़ीकरण की तैयारी कर रही है. संदहा से कचहरी की तरफ जाने वाली सड़क 300 मीटर चौड़ी होगी.

चौड़ीकरण के खिलाफ लोगों में गुस्सा

प्रशासन की चौड़ीकरण की कार्रवाई के खिलाफ प्रभावित लोगों में काफी गुस्सा है. उन्होंने पर्याप्त मुआवजा नहीं देने के आरोप लगाए हैं. कई व्यापारियों ने बताया कि उन्हें केवल निर्माण लागत का मुआवजा मिला, जबकि जमीन की कीमत नहीं मिलने की बात कही है. प्रशासन ने चौड़ीकरण की इस कार्रवाई को कार्रवाई आवश्यक बताया है. इसके कार्रवाई के बाद इलाके में लगने वाले जाम से लोगों को आजादी मिलेगी, जिससे लोगों का समय और ईंधन की बचत होगी.

 

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