UP: बीएससी चतुर्थ सेमेस्टर में किसी को मिला शून्य, किसी को दो अंक, तो किसी को किया गया अनुपस्थित घोषित

गाजीपुर : गाजीपुर के पीजी कॉलेज में बीएससी चतुर्थ सेमेस्टर के परीक्षा परिणामों को लेकर छात्रों में गहरा आक्रोश है. परिणामों में सामने आई अनियमितताओं ने हजारों छात्रों के भविष्य को अनिश्चितता में डाल दिया है.छात्रसंघ का प्रतिनिधिमंडल आज कुलपति के नाम संबोधित पत्रक लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा.उन्होंने एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। छात्रों का आरोप है कि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा जारी परिणामों में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को बेवजह ‘अनुपस्थित’ दिखाया गया है. कई छात्रों को अनुत्तीर्ण घोषित किया गया है.

छात्रों का कहना है कि उन्होंने पूरी लगन और परिश्रम से अपनी सभी परीक्षाएं दी थीं.यह स्थिति न केवल छात्रों के परिश्रम का अपमान है। यह विश्वविद्यालय की परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाती है.

पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय ने कहा, “यह सिर्फ कुछ छात्रों का मामला नहीं है। यह हमारे छात्रों के भविष्य पर मंडराता काला साया है। इसने सैकड़ों होनहार विद्यार्थियों के सपनों को निगल लिया है.”उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी व्यथा और मांगों को एसडीएम के सामने मजबूती से रखा है.उन्हें विश्वास है कि उनकी आवाज कुलपति तक पहुंचेगी। वे चाहते हैं कि इस रिजल्ट में हुई अनियमितता पर तत्काल कार्रवाई हो। इससे छात्रों का भविष्य बर्बाद होने से बच सकेगा.

पूर्व महामंत्री सुधांशु तिवारी ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “छात्रों ने दिन-रात एक करके पढ़ाई की और बदले में उन्हें अनुपस्थिति या अनुत्तीर्णता का ठप्पा मिला है। यह सरासर अन्याय है।”

पूर्व अध्यक्ष अनुज भारती ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि हजारों छात्रों के सपनों को रौंदने जैसा कृत्य है।”

प्रभावित छात्रों ने अपनी व्यथा साझा की है। छात्रा नेहा सिंह ने बताया कि उन्हें सिर्फ 2 अंक मिले हैं। उन्होंने कहा, “यह स्थिति हमें मानसिक रूप से बुरी तरह प्रभावित कर रही है.”अनामिका कुमारी ने बताया कि उन्हें शून्य अंक दिए गए हैं. वह काफी सदमे में हैं क्योंकि उन्होंने परीक्षा अच्छी दी थी. उन्होंने कहा, “हमें समझ नहीं आ रहा है कि आगे क्या करें. हमने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। हम चाहते हैं कि हमारे सही परिणाम जल्द घोषित किए जाएं, ताकि हम आगे की पढ़ाई जारी रख सकें.”इस मामले में नेहा सिंह, आस्था कुशवाहा, अनामिका कुमारी, विभा सिंह, रुबीना खातून, मनीषा साहनी, मुस्कान राजभर, निशा कुमारी, जागृति राय, प्रीतम पासवान सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं एसडीएम को पत्रक सौंपने पहुंचे थे.

वहीं इसी मामले पर पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर राघवेंद्र पांडे ने बताया कि उनके कॉलेज के छात्र-छात्राओं का मामला आया था और उन लोगों से विश्वविद्यालय के द्वारा उनकी समस्या को दूर करने का आश्वासन दिया गया है.

Advertisements