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यूपी के मंत्री ने STF से बताया खुद को खतरा, बोले- अगर मेरे साथ कोई घटना हुई तो…

यूपी सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने अपने विभाग में कथित अनियमितताओं के बाद एसटीएफ से खतरा होने का दावा किया है. आशीष पटेल अपने तकनीकी शिक्षा विभाग में लेक्चरर्स की पदोन्नति में अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने साफ कहा है कि अगर ‘सामाजिक न्याय’ के लिए उनकी लड़ाई के दौरान कोई साजिश या घटना होती है, तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह उत्तर प्रदेश एसटीएफ की होगी.

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दरअसल, यह विवाद तब शुरू हुआ जब सिराथू की विधायक और अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने तकनीकी शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्षों की नियुक्तियों में अनियमितताओं का आरोप लगाया.

उन्होंने अधिकारियों पर नियुक्तियों को आसान बनाने के लिए मौजूदा सेवा नियमों को दरकिनार कर पुराने नियमों को लागू करने का आरोप लगाया और इसे घोटाला करार दिया. पल्लवी पटेल ने इस मुद्दे पर विधानसभा में विरोध प्रदर्शन भी किया.

न्यूज एजेंसी से बात करते हुए आशीष पटेल ने कहा- “अगर राज्य का कोई कैबिनेट मंत्री इस तरह के दावे कर रहा है, तो इसका कोई आधार होगा.” आशीष पटेल ने इस बात पर जोर दिया कि विभागीय पदोन्नति पर मुख्यमंत्री कार्यालय सहित सभी स्तरों पर चर्चा की गई थी, उन्होंने कहा- “प्रमुख सचिव ने विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक बुलाई,और मैंने सुनिश्चित किया कि फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय को दिखाई जाए। इस मामले को उच्चतम स्तर पर संबोधित किया गया है.”

किसी भी व्यक्ति का नाम लिए बिना पटेल ने सवाल किया, “इस राजनीतिक साजिश के पीछे जो लोग हैं, उनसे मेरा सवाल है- पदोन्नति प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. लेकिन अगर हम उनके निराधार आरोपों को स्वीकार भी कर लें, तो केवल मंत्री को ही क्यों दोषी ठहराया जाए? अन्य अधिकारियों को जांच से क्यों छूट दी गई है?”

आशीष पटेल ने सवाल उठाया कि अकेले उन्हें ही क्यों दोषी ठहराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप एक बड़ी साजिश का संकेत देते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पटेल ने लिखा- “उत्तर प्रदेश के सबसे ईमानदार आईएएस अधिकारियों में से एक एम देवराज, जो उस समय तकनीकी शिक्षा के प्रमुख सचिव थे, द्वारा विभागीय पदोन्नति की संस्तुति किए जाने और हाई लेवल पर स्वीकृत किए जाने के बावजूद, मेरी राजनीतिक प्रतिष्ठा को निशाना बनाकर लगातार मीडिया ट्रायल अस्वीकार्य है.”

कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने आगे कहा- “मैंने पहले भी कहा है और मैं दोहराता हूं कि अगर माननीय मुख्यमंत्री उचित समझें तो वे इस निराधार मीडिया ट्रायल और झूठ और छल के जरिए मुझे बदनाम करने के प्रयासों को समाप्त करने के लिए मंत्री के रूप में मेरे द्वारा लिए गए सभी निर्णयों की सीबीआई जांच शुरू कर सकते हैं.”

आशीष पटेल ने यह भी कहा कि हमारी संपत्ति की जांच करवा ली जाए. मेरी भी और केंद्रीय पत्नी पत्नी अनुप्रिय पटेल की थी. बकौल पटेल- “अगर उचित समझा जाए तो संसद या विधान परिषद के सदस्य बनने के बाद हमारे द्वारा अर्जित की गई संपत्तियों की भी जांच कराई जा सकती है.”

अपने खिलाफ कथित साजिश को सामाजिक न्याय की आवाज को दबाने की साजिश बताते हुए आशीष पटेल ने कहा, “पर्दे के पीछे सामाजिक न्याय की आवाज को कुचलने की कोशिशें चल रही हैं. यह मुद्दा इसलिए उठ रहा है क्योंकि पदोन्नति से ओबीसी और हाशिए पर पड़े समूहों को फायदा हुआ है, जिनके अधिकारों को सालों से नकारा जा रहा था. मेरी पोस्ट के साथ संलग्न जातिवार पदोन्नति सूची पर एक नज़र डालने से इस पर प्रकाश पड़ेगा.”

अपनी पोस्ट में पटेल ने एसटीएफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “मेरे शुभचिंतकों के लिए एक विशेष नोट है- अगर सामाजिक न्याय की इस लड़ाई के दौरान मेरे साथ कोई साजिश या घटना होती है, तो पूरी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स की होगी.”

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