उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में ठाकुर समाज की महापंचायत में एक अनोखा प्रस्ताव सामने आया जिसने सभी का ध्यान खींचा। गौरीपुर मितली गांव में आयोजित इस ‘केसरिया महापंचायत’ में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष ठाकुर कुंवर अजय प्रताप सिंह ने समाज से आह्वान किया कि बेटियों को सोना-चांदी या नकदी देने के बजाय आत्मरक्षा के साधन दिए जाएं।
कुंवर अजय प्रताप सिंह ने मंच से कहा कि समय बदल चुका है और बेटियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखना होगा। उन्होंने कहा कि पहले परंपराओं में बेटी को कन्यादान के समय आत्मरक्षा के लिए हथियार दिए जाते थे, लेकिन अब यह चलन खत्म हो गया है। आज के हालात में जरूरत है कि बेटियां खुद अपनी सुरक्षा कर सकें।
उन्होंने कहा कि यदि कोई बेटी सोना पहनकर बाजार जाएगी तो लुटेरों का शिकार हो सकती है। इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वे शादी में बेटियों को तलवार, कटार, रिवॉल्वर या फिर कट्टा दें, ताकि वे अपनी रक्षा कर सकें। उन्होंने यह भी जोड़ा कि रिवॉल्वर महंगी हो तो कट्टा भी पर्याप्त है।
सभा में मौजूद लोगों ने इस विचार का समर्थन किया और इसे समय की मांग बताया। कुंवर अजय प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि जिस तरह समाज अपने बेटों को ताकत देता है, उसी तरह बेटियों को भी आत्मनिर्भर और साहसी बनाना होगा। उन्होंने समाज से बेटियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दिलाने और उन्हें सुरक्षा के साधनों से लैस करने की अपील की।
इस महापंचायत में विभिन्न जिलों से पहुंचे ठाकुर समाज के लोगों ने हिस्सा लिया और प्रस्ताव पर सहमति जताई। उनका कहना था कि बदलते दौर में बेटियों की सुरक्षा के लिए ऐसे कदम जरूरी हैं।
इस प्रकार, बागपत की इस महापंचायत ने बेटियों की सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर समाज में एक नई बहस छेड़ दी है। यह पहल परंपरागत सोच से हटकर महिलाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।