उत्तर प्रदेश के महोबा जिले की चरखारी तहसील के खरेला कस्बे में एक प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार के नेतृत्व में एक 33 साल पुराने मकान को अतिक्रमण बताकर गिरा दिया गया. मकान गिराने का विरोध कर रहे महिलाओं और एक युवक के साथ दुर्व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
वीडियो में एसडीएम खुद यह कहते नजर आ रहे हैं कि बुलडोजर चढ़ा दो इनके ऊपर. इसके बाद युवक योगेन्द्र सिंह के साथ मारपीट की जाती है. पीड़ित परिवार का कहना है कि मकान 1989 से नगर पंचायत में दर्ज है, 2017 तक टैक्स जमा किया गया और 2020 में बिजली कनेक्शन भी मिला था
मकान मालिक के भतीजे योगेंद्र सिंह का कहना है कि मामला कोर्ट में लंबित था, लेकिन बिना नोटिस के कार्रवाई की गई. विरोध करने पर उसे पुलिस ने पीटा और थाने ले जाकर धमकाया. मकान गिराए जाने के दौरान मकान मालिक की पत्नी शकुंतला देवी बेहोश हो गईं.
शकुंतला और सरिता सिंह ने आरोप लगाया कि कार्रवाई नगर पंचायत अध्यक्ष की रंजिशन करवाई गई. उन्होंने कहा कि कई अन्य अवैध कब्जे अब भी मौजूद हैं, लेकिन प्रशासन ने केवल उनके मकान को ही निशाना बनाया.
महिलाओं ने सरकारी काम में बाधा डाली
इस मामले पर एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार का कहना है कि मकान सरकारी भूमि पर था और नोटिस दिए गए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि महिलाओं को आगे कर सरकारी काम में बाधा डाली गई, जिस पर सख्त भाषा का प्रयोग करना पड़ा. फिलहाल वायरल वीडियो ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. स्थानीय लोग इसे गरीब विरोधी कार्रवाई बता रहे हैं.