उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक दुल्हन ने अपनी शादी से पहले पिता की जमीन को बचाने के लिए धरना दिया है. यह पूरा मामला दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के निर्माण के लिए अधिग्रहित की जा रही भूमि से जुड़ा हुआ है. दुल्हन ने कहा कि वह शादी जरूर करेंगी, लेकिन अपनी पिता की जमीन गवा कर नहीं. इस दौरान मामले की जानकारी होते ही मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने युवती को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली.
बागपत जिले के बड़ौत शहर कोतवाली क्षेत्र के बिजरौल-जलालपुर गांव से प्रदर्शन की हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां एक बेटी ने सात फेरे लेने से पहले अपने पिता की जमीन को बचाने के लिए धरना दिया है. वंशिका की रविवार को मुजफ्फरनगर के रहने वाले आदित्य से शादी होनी है. हालांकि, इससे पहले शनिवार को वंशिका हाथ-पैरों में मेहंदी लगाए हुए प्रदर्शन करती हुई नजर आई है.
जमीन बचाने के लिए धरना पर बैठी दुल्हन
वंशिका अपने पिता यशपाल की एक बीघा जमीन को बचाने के लिए धरने पर बैठ गई. परिवार का आरोप है कि दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के निर्माण के लिए उन्होंने पांच एकड़ जमीन सरकार को सौंप दी है. इसके बावजूद सरकार एक बीघा जमीन अधिग्रहण करना चाह रही है. जिस पर उन्होंने फिलहाल गेहूं की फसल बोई हुई है. मामले की जानकारी होते ही जब संबंधित विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो इस दौरान उनका गांव वालों और दुल्हन ने जमकर विरोध किया.
एक बीघा जमीन को लेकर विवाद
इस विरोध प्रदर्शन को लेकर पूरे गांव में खूब चर्चा हो रही है. गांव के लोग बेटी की जमकर सराहना कर रहे हैं. इस पूरे मामले पर पीड़ित परिवार का कहना है कि पहले ही बहुत जमीन दी जा चुका है. अब एक बीघा जमीन को छिना जा रहा है, जो कि बहुत ही गलत बात है. दुल्हन वंशिका ने कहा कि वह शादी जरूरी करेगी, लेकिन अपने पिता की जमीन गंवा कर नहीं. वंशिका का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा वह धरने पर ही बैठी रहेंगी. दुल्हन के समझाने के लिए कई प्रशासनिक अधिकारियों मौके पर पहुंचे थे, लेकिन उन्हें गांव के लोगों के विरोध के बाद वापस लौटना पड़ा.