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UP: जब डर से पुलिस चौकियों पर लग जाते थे ताले… कौन था मुस्तफा, जिसने बनाई कग्गा गैंग? जानिए कैसे खत्म हुआ आतंक का ‘राज’..

उत्तर प्रदेश के शामली में यूपी STF और पुलिस की अपराधियों से मुठभेड़ हुई है. इस मुठभेड़ में पुलिस ने वेस्टर्न यूपी, हरियाणा और उत्तराखंड के हार्ड कोर क्रिमिनल रहे मुस्तफा उर्फ कग्गा गैंग के एक लाख का इनामी अरशद और उसके तीन साथियों को ढेर कर दिया गया .हालांकि मुठभेड़ में STF के एक दरोगा भी घायल हैं.

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गंगोह इलाके के बाढ़ी माजरा गांव निवासी मुस्तफा उर्फ कग्गा साल 2011 में एनकाउंटर में सहारनपुर पुलिस के हाथों ढेर हो गया था. मुस्तफा उर्फ कग्गा का खौफ इतना था कि दिन ढलते ही गांव देहात में तो सन्नाटा पसर जाता था. स्थानीय लोगों के मुताबिक, कग्गा का डर इतना था कि खाकी वाले भी पुलिस चौकियों पर ताला लगाकर किसी सुरक्षित स्थान पर छिप जाया करते थे.

कौन था मुस्तफा?

सहारनपुर शामली कैराना मुजफ्फरनगर हरियाणा और उत्तराखंड में हत्या लुट फिरौती हथियार लूटना ना जाने कितने मुकदमे इस गिरोह के खिलाफ लिखे गए थे , सहारनपुर में 2011 में दिवाली के दौरान एक खनन की रॉयल्टी चेक पोस्ट को लूट कर भाग रहे मुस्तफा उर्फ कग्गा ने यूपी पुलिस के सिपाही बलबीर की हत्या कर दी थी . सिपाही की हत्या के बाद सहारनपुर के तत्कालीन पुलिस कप्तान दीपक रतन ने कग्गा के आतंक के खात्मे के लिए चुनिंदा अफसरों की एक टीम बनाई और सिपाही बलबीर की हत्या का बदला लिया.

कग्गा पुलिस की गोली से मारा गया था मुस्तफा

मुस्तफा उर्फ कग्गा को ढूंढने के लिए मुखबिर तंत्र और सर्विलांस को एक्टिव किया गया, जिसके बाद गंगोह में एक दिन मुस्तफा उर्फ कग्गा को एक खेत में घेरा गया. पुलिस को सूचना मिली थी मुस्तफा उर्फ कग्गा अपनी एक गर्लफ्रेंड के साथ खेत में मौजूद है. पुलिस ने खेतों को चारों तरफ से घेरा कई राउंड फायरिंग भी हुई मगर ना जाने कैसे मुस्तफा उर्फ कग्गा अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बिना कपड़ों के ही पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. दिवाली के दो दिन बाद भाई दूज के दिन सहारनपुर पुलिस को फिर से कागा के जंगल में होने की सूचना मिली पुलिस और SOG टीम ने गंगोह के उस जंगल को घेर लिया कई घंटे तक आमने सामने की फायरिंग हुई और उस फायरिंग में कग्गा पुलिस की गोली से मारा गया.

मुस्तफा उर्फ कग्गा के एनकाउंटर बाद उसके गैंग के सभी सदस्य अंडरग्राउंड हो गए थे , उन्हें पुलिस ढूंढकर जेल भेजती रही. हालांकि एक समय में कग्गा के राइट हैंड माने जाने वाले मुकीम काला ने मुस्तफा उर्फ कग्गा की मौत के बाद पूरे गैंग को ऑपरेट करना शुरू कर दिया. मुकीम काला अपने गुरु मुस्तफा उर्फ कग्गा से कई कदम आगे निकला. मुकीम काला और उसके गिरोह ने भी पूरा आतंक मचाया और जो खौफ मुस्तफा उर्फ कग्गा के समय में होता था, उसे फिर से पैदा कर दिया.

नाम सुनकर सहम जाते थे लोग

व्यापारी ग्रामीण सब मुकीम का नाम सुनते ही खौफ में आ जाते थे. मुकीम गैंग भी पुलिस कर्मियों की हत्या का हथियार लूट लिया करता था. सहारनपुर शहर में बीचों बीच स्थित तनिष्क शोरूम में मुकीम काला ने अपने गैंग के लोगों के साथ मिलकर पुलिस की वर्दी पहनकर दस करोड़ की डकैती डाली थी , इस डकैती ने पूरे यूपी को सन्र कर दिया था. इस वारदात के बाद मुकीम काला गिरोह का खौफ ऐसा बना कि लोग उसका नाम सुनकर सहम जाते थे . मुकीम काला ने सबसे ज्यादा रंगदारी कैराना इलाके से मांगी व्यापारी उसके खिलाफ शिकायत करते हुए भी डरते थे .

राजनीतिक लोगों का मिला हुआ था साथ

बताया जाता था कि मुकीम काला को कुछ राजनीतिक लोगों का साथ मिला हुआ था, इसलिए भी पुलिस उसके खिलाफ एक्शन लेते हुए डरती थी. तनिष्क डकैती के बाद यूपी पुलिस ने मुकीम काला की घेराबंदी शुरू कर दी और 2015 में उसे STF ने एक मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया मुकीम और उसके साथियों के लास से तनिष्क शो रूम से लूटी गई ज्वेलरी भी बरामद की. मुकीम के साथ साथ उसके गिरोह के कई सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. 2017 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो मुकीम काला गैंग के बाकी बचे सदस्यों जैसे साबिर आदि को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया तो कुछ सदस्यों ने सरेंडर कर दिया. वहीं चित्रकूट जेल में रखे गए मुकीम काला की जेल में हुई गैंगवार में हत्या हो गई. मुकीम काला की हत्या के बाद अरशद जैसे उसके शागिर्द ये गैंग चला रहे थे. अरशद पर भी पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया था और आज मुस्तफा उर्फ कग्गा गिरोह के अरशद को भी पुलिस ने मुठभेड़ में उसके साथियों के साथ ढेर कर इस गैंग को पूरी तरह खत्म कर दिया है.

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