उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के लिखाफ UP PCS और RO/ARO के अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार तीसरे दिन प्रयागराज में स्थित यूपीपीएससी के ऑफिस के सामने बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने जमकर प्रदर्शन किया. अभ्यर्थी ‘वन एग्जाम वन शिफ्ट’ लागू करने के साथ नॉर्मलाइजेशन हटाने की मांग कर रहे हैं.
तीसरे दिन भी यूपीपीएससी के चेयरमैन संजय श्रीनेत की ओर से कोई जवाब नहीं आने के बाद अभ्यर्थियों ने प्रयागराज में स्थित यूपीपीएससी ऑफिस के बाहर चेयरमैन के गुमशुदा का पोस्ट लगा दिए हैं. साथ ही अध्यक्ष को खोजकर लाने वाले को इनाम के तौर पर 50 रुपये देने की बात कही गई है.
दरअसल, यूपीपीएससी ने हाल ही में यूपी पीसीएस परीक्षा और समीक्षा अधिकारी (RO)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) भर्ती परीक्षा की नई तारीखों की घोषणा की है, जो दिसंबर में आयोजित की जाएगी. आयोग ने परीक्षा शेड्यूल जारी करने के साथ ही जानकारी दी कि अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने की वजह से परीक्षाएं कई शिफ्ट में आयोजित की जाएगी और परीक्षा का मूल्यांकन नॉर्मलाइजेशन मेथड से किया जाएगा. इसके बाद से दिल्ली से यूपी तक बड़ी संख्या में अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे हैं.
क्या है नॉर्मलाइजेशन मेथड? जिसका हो रहा विरोध
दरअसल, जब एक परीक्षा का आयोजन अलग-अलग दिन करवाया जाता है तो मूल्यांकन के लिए नॉर्मलाइजेशन का सहारा लिया जाता है. ज्यादातर परीक्षाओं में परसेंटाइल स्कोर के आधार पर इसे एडजस्ट किया जाता है. हर पाली का एक औसत स्कोर निर्धारित किया जाता है, जिससे छात्रों के मूल्यांकन में आसानी हो. इसका उद्देश्य है कि अलग-अलग प्रश्नपत्र होने के कारण किसी छात्र को फायदा या नुकसान ना हो.
अब नॉर्मलाइजेशन में नंबर की गणना करना ही विवाद का कारण है. अभी तक आयोग की वेबसाइट पर इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन आयोग का नोटिफिकेशन सर्कुलेट किया जा रहा है, जिसमें इसका फॉर्मूला बताया गया है. ये है वो फॉर्मूला…
फॉर्मूले के हिसाब से जिस परीक्षार्थी को जितने नंबर आए हैं, उतने या उससे कम नंबर जितने छात्रों को आए हैं, उनकी संख्या में कुल परीक्षा देने पहुंचे छात्रों की संख्या का भाग दिया जाएगा और फिर 100 से गुणा करके पर्सेंटाइल निकाला जाएगा.
नॉर्मलाइजेशन की वजह क्या है?
हाल ही में पेपर लीक के घटनाओं को रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों को लेकर कुछ नियम बनाए थे. इसके हिसाब से परीक्षा केंद्र स्टेशन या बस स्टेंड से 10 किलोमीटर के दायरे में ही हो सकते हैं. परीक्षा केंद्र राजकीय इंटर कॉलेज, सरकारी डिग्री कॉलेज, राज्य और केंद्र के विश्वविद्यालय आदि हो सकते हैं. प्राइवेट संस्थानों को सेंटर नहीं बनाया जा सकता. ऐसे में काफी कम सेंटर ही इन नियमों में फिट बैठ पाए. बताया जा रहा है कि परीक्षा के लिए 1758 केंद्र की जरूरत थी और सिर्फ 900 ही केंद्र मिले. इस वजह से परीक्षा को दो दिन अलग-अलग शिफ्ट करवाया गया.
अभ्यर्थी क्या चाहते हैं?
अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग ने जो नॉर्मलाइजेशन को जो फॉर्मला दिया है, वो ही विवाद का कारण है. एक अभ्यर्थी ने कहा, ‘जैसे मान लीजिए मेरे 120 नंबर आए हैं, ऐसे में 120 या उससे कम नंबर लाने वाले परीक्षार्थियों की संख्या में उस पारी में बैठने वाले संख्या का भाग दिया जाएगा. इस इस स्थिति में दिक्कत ये है कि एक पारी में कम लोग बैठते हैं और एक में ज्यादा तो परसेंटाइल में काफी अंतर आ जाएगा. इससे ही पेपर के कठिन और आसान का फैसला होगा.’
अभ्यर्थी का कहना है, ‘फिर जिस शिफ्ट के पेपर का पर्सेंटाइल ज्यादा होगा, उसे आसान माना जाएगा. फिर एक औसत निकाला जाएगा. ऐसे में ये मूल्यांकन व्यक्ति की टैलेंट पर नहीं, बल्कि परीक्षा में उपस्थित हो रहे परीक्षार्थियों के आधार पर होगा. अब उपस्थिति के आधार पर पर्सेंटाइल निकाला जा रहा है, जो गलत है.’
आयोग द्वारा जारी शेड्यूल के अनुसार, UP PCS प्रीलिम्स एग्जाम 7 व 8 दिसंबर 2024 को प्रदेश के 41 जिलों में आयोजित की जाएगी. परीक्षा दो शिफ्ट में होगी- पहली शिफ्टर सुबह 9.30 बजे से 11.30 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 2.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक होगी. पहले यह परीक्षा 27 अक्टूबर को होनी थी, लेकिन परीक्षा मानक के अनुरूप परीक्षा केंद्र न मिलने की वजह से स्थगित इसे स्थगित कर दिया गया था.
वहीं, यूपी समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 का आयोजन 22 और 23 दिसंबर को किया जाएगा. 22 दिसंबर को यह परीक्षा पहली शिफ्ट में सुबह 9 बजे से 12 बजे तक और दूसरी शिफ्ट में दोपहर 2.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक, जबकि 23 दिसंबर को सिंगल शिफ्ट में सुबह 9 बजे से 12 बजे तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित की जाएगी. इस परीक्षा के लिए 10.76 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है.