उत्तर प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद भी प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंधमारी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. UPPSC की एक परीक्षा में सेंधमारी का मामला सामने आया है. यह तब है जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों को कड़ी चेतावनी दे चुके हैं और राज्य में पेपर लीक कानून लागू है.
20 अक्टूबर को होनी थी परीक्षा
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की यूपी टेक्निकल एजुकेशन (टीचिंग) परीक्षा में संभावित पेपर लीक को लेकर FIR दर्ज कराई गई है. एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. UP TE Exam के एडमिट कार्ड 10 अक्टूबर को जारी कर दिए गए थे और परीक्षा 20 अक्टूबर को होनी थी. लेकिन आयोग ने हाल ही में अपरिहार्य कारण बताते हुई परीक्षा स्थगित कर दी है. नई परीक्षा तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.
यूपी टीई एग्जाम के अलावा आयोग ने UP PCS की परीक्षा भी स्थगित की है, जो 27 अक्टूबर को होने वाली थी. हालांकि आयोग ने इसके पीछे मानक परीक्षा केंद्र नहीं मिलना वजह बताई है. यह परीक्षा अब दिसंबर में आयोजित की जाएगी.
पुलिस के हाथ लगी पेपर लीक की साजिश वाली ऑडियो क्लिप
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भदोही में भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) के एक कर्मचारी और एक अज्ञात व्यक्ति के बीच कथित ऑडियो की बातचीत सामने आने के बाद पुलिस ने यह कदम उठाया है. ऑडियो में पैसा कमाने के लिए आगामी परीक्षा में सेंधमारी यानी पेपर लीक के तरीके पर बातचीत हो रही है. असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP) तेजवीर सिंह ने कहा कि कथित ऑडियो क्लिप की सामने आने के बाद, आईआईसीटी के निदेशक राजीव कुमार वार्ष्णेय ने ईमेल के माध्यम से यूपीपीएससी सचिव को मामले की सूचना दी.
14 अक्टूबर को भेजे गए ईमेल में राजीव ने आईआईसीटी के राजेश वर्मा नाम के एक कर्मचारी से हुई कथित बातचीत का ब्यौरा दिया है. अधिकारी ने बताया, “बातचीत से पता चलता है कि निजी लाभ के लिए आगामी परीक्षा की सत्यनिष्ठा को कमजोर करने का प्लान बनाया जा रहा है. आईआईसीटी डायरेक्टर ने पुलिस को जांच के लिए ऑडियो क्लिप और एक पेन ड्राइव दी है, जिसमें घटना से संबंधित सबूत हैं.”
उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपीपीएससी के उप सचिव धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी ने 16 अक्टूबर को भदोही सिटी थाने में उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक 2024 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के उल्लंघन का हवाला देते हुए औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है. मामले में शामिल लोगों से पूछताछ की जा रही है.
बता दें कि यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती और यूपी समीक्षा अधिकार/ सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘पेपर लीक गैंग’ को कड़ी चेतवानी दी थी. उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 लागू है, जिसके तहत 3 से 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.