अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में डॉक्टरों की लापरवाही से युवक की मौत का आरोप लगा परिजनों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने शव ले जाने से भी इनकार कर दिया। मारपीट में घायल युवक की शुक्रवार सुबह मौत हो गई। उसे दो दिनों तक जनरल वार्ड में भर्ती रखा गया।
परिजनों का आरोप है कि गुरुवार शाम ऑपरेशन के लिए तैयारी करने कहा गया और 8 बजे ड्यूटी ऑफ होना बता शुक्रवार के लिए ऑपरेशन टाल दिया गया। मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक एससी आर्या ने कहा कि मामले की जांच कराएंगे।
जानकारी के मुताबिक, अंबिकापुर के शीलता वार्ड का निवासी युवक अमोल दास (32) महाशिवरात्रि के अवसर पर 26 फरवरी को अपने भतीजे विशेष मानिकपुरी के साथ देवगढ़ मेला घूमने गया था। उसका किसी बात को लेकर गांव के युवकों से विवाद हो गया। करीब 20 से 25 की संख्या में युवकों ने अमोल दास और विशेष मानिकपुरी को देवगढ़ के बरपारा के पास रात 8 बजे रोका और उसकी बेदम पिटाई कर दी।
इलाज में लापरवाही का आरोप
परिजनों के अनुसार मारपीट में घायल अमोल दास को पेट में तकलीफ होने पर उसे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में दाखिल किया गया था। 27 फरवरी को उसे जनरल वार्ड में भर्ती किया गया और डॉक्टर और नर्सों ने इलाज में गंभीरता नहीं दिखाई। तकलीफ बढ़ने पर उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया। तकलीफ बढ़ने की जानकारी देने पर डॉक्टर और नर्सों ने परिजनों से कह दिया कि वे स्वयं इलाज कर लें।
शाम पांच बजे जब जांच की गई तो पता चला कि अमोल दास के लीवर में चोट है। उसका ऑपरेशन करना पड़ेगा। इसके लिए परिजनों को ब्लड की व्यवस्था करनी होगी। ब्लड की व्यवस्था होने की सूचना चिकित्सकों को दी गई तो चिकित्सकों ने रात 8 बजे ड्यूटी ऑफ हो जाने की जानकारी देते हुए कहा कि ऑपरेशन शुक्रवार को किया जाएगा।
सुबह बिगड़ी हालत, कुछ घंटे में हो गई मौत
परिजनों ने बताया कि शुक्रवार तड़के अमोल दास का पेट फूलने लगा। परिजनों ने जांच कराई तो पता चला कि उसके लीवर में चोट के कारण पेट फूल रहा है। सुबह करीब 6 बजे इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई।
परिजनों का हंगामा, शव ले जाने से इनकार
अमोल दास की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा हंगामा कर दिया। परिजनों ने कहा कि हॉस्पिटल के चिकित्सकों और नर्सों ने इलाज में लापरवाही की। समय पर ऑपरेशन नहीं किया गया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई।
पोस्टमॉर्टम के बाद भी युवक क शव परिजन नहीं ले गए और दोपहर बाद तक युवक का शव ले जाने के लिए परिजन तैयार नहीं हुए। पुलिस ने लिखित में शिकायत देने के लिए कहा। परिजनों ने लिखित में शिकायत अधीक्षक के नाम दिया और दोपहर 2 बजे शव लेकर रवाना हुए।
सीएस बोले-अनस्टेबल था मरीज, जांच कराएंगे
मामले में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के सीएस डॉ. एससी आर्या ने फोन पर कहा कि युवक की हालत ठीक नहीं थी। उसे स्टेबल होने के बाद ही ऑपरेशन किया जा सकता था। यदि मामले में लापरवाही का आरोप है तो टीम गठित कर इसकी जांच कराई जाएगी।