महाराष्ट्र के परभणी में बुधवार को हिंसा भड़क गई. पथराव और आगजनी की घटना के बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती है. परभणी में आज (बुधवार) बंद बुलाया गया है. बंद के मद्देनजर हर जगह बड़े पैमाने पर पुलिस का डिप्लॉयमेंट भी है. लेकिन इस बीच अंबेडकर प्रतिमा के सामने लगी प्रतीकात्मक संविधान की पुस्तक फाड़ने के विरोध में लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. उन्होंने नारेबाजी की और टायर जलाकर परभणी नांदेड़ हाइवे को ब्लॉक कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने पथराव और आगजनी की. हिंसा में कई पुलिसवाले घायल हो गए हैं.
कई गाड़ियों और दुकानों में तोड़फोड़ हुई है. दंगाई और पुलिस आमने-सामने है. Riot Control Police ओर SRPF तैनात की गई है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि संविधान का अपमान करने वालों को फांसी दी जानी चाहिए. हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए. मामले को लेकर पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.
हिंसक भीड़ द्वारा बसमत रोड और खानापुर फाटा पर आगजनी कर बड़ी संख्या में वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. शहर के प्रमुख बाजारों स्टेशन रोड, गांधी पार्क, शिवाजी चौक आदि स्थानों पर पथराव और दुकानों के सामने वाहन जलाने की घटनाएं हुई हैं. इन दंगाइयों ने शहर की दुकानों के साइनबोर्ड को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है. दुकान के सामने लगे सीसीटीवी दंगाइयों ने लाठियां और पत्थर फेंककर तोड़ दिए.
कैसे शुरू हुई हिंसा?
परभणी में हिंसा तब शुरू हुई जब सोपान दत्ताराव पवार (45) नाम के एक व्यक्ति ने मंगलवार को शहर में बाबासाहेब अंबेडकर की मूर्ति के सामने रखी संविधान की प्रतिकृति को कथित तौर पर फाड़ दिया. खबर फैलने के तुरंत बाद शहरव्यापी बंद का आह्वान किया गया.
वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने कहा, परभणी में जातिवादी मराठा उपद्रवियों द्वारा बाबासाहेब की प्रतिमा पर भारत के संविधान को तोड़ना बिल्कुल शर्मनाक है. यह पहली बार नहीं है. बाबासाहेब की मूर्ति या दलित पहचान के प्रतीक के साथ बर्बरता हुई है. वीबीए परभणी जिले के कार्यकर्ता सबसे पहले घटनास्थल पर थे और उनके विरोध के कारण पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की और उपद्रवियों में से एक को गिरफ्तार किया.