भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील (India-US Trade Deal) को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. एक सीनियर अधिकारी के अनुसार, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने सीमित व्यापार समझौते पर सफलतापूर्वक बातचीत की है. यह डील कई सप्ताह तक चली गहन चर्चा के बाद हुआ है, जिसके बाद भारत अपनी मांगों पर अड़ा रहा.
बिजनेस टुडे के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि अगर अमेरिका कड़ा रुख दिखाता तो हम टैरिफ के प्रभाव को झेलने के लिए तैयार थे, लेकिन वाशिंगटन ने बातचीत करने की इच्छा दिखाई और इससे डील आगे बढ़ सका. हालांकि अभी दोनों देशों के बीच ट्रेड डील की कोई अधिकारिक घोषण नहीं हुई है, लेकिन अधिकारी के इस अपडेट से भारत और अमेरिका के बीच लिमिटेड डील (मिनी डील) होना तय हो चुका है.
India-US डील के तहत बहुत से सेक्टर्स को राहत मिल सकता है. साथ ही इस समझौते में अमेरिकी मांगों के तहत मक्का और फलों के लिए भारतीय बाजार खोलने का भी जिक्र हो सकता है. समझौते की घोषणा सोमवार की रात होने वाली थी. लेकिन आज हो सकती है, क्योंकि पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariff) की समयसीमा बुधवार की रात को समाप्त हो रही है.
कुछ ही घंटों में हो सकता है ऐलान
इस सफलता को दोनों देशों के बीच लॉन्ग टर्म व्यापार तनाव को हल करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है. इस लिमिटेड डील में चुनिंदा सेक्टर्स शामिल होने की उम्मीद है और इससे भविष्य में व्यापक ट्रेड डील का रास्ता खुलेगा. सूत्रों का कहना है कि इस डील का ऐलान कुछ ही घंटों में संभवत: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की जा सकती है.
कहां फंसा था पेंच
अमेरिका भारत से चाहता था कि वह उसके लिए डेयरी और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम करे, ताकि अमेरिका के लिए एक बड़ा मार्केट मिले. लेकिन भारत अपनी बात पर अड़ा रहा, क्योंंकि अगर भारत अमेरिका की बात मान लेता तो यह उसके लिए बड़ा झटका होता. इस कारण दोनों देशों के बीच मिनी डील पर सहमति बनी है.
1 अगस्त से नया टैरिफ
अमेरिका ने कुछ देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. सोमवार की रात अमेरिकी सरकार ने जापान और कोरिया पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया. इन दोनों देशों पर 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान किया गया है.
2 अप्रैल को लगा था टैरिफ
बता दें, अमेरिका ने 2 अप्रैल 2025 को भारत समेत कई देशों पर पारस्परिक टैरिफ की घोषणा की थी, जिसमें भारत पर 26% अतिरिक्त शुल्क शामिल था, जिसे 90 दिनों के लिए निलंबित किया गया था. भारत इस एक्स्ट्रा टैरिफ को पूरी तरह हटाने की मांग कर रहा था, जबकि अमेरिका कृषि और डेयरी क्षेत्रों में बाजार पहुंच चाहता है, लेकिन भारत इसपर सहमत नहीं हुआ और फिर दोनों देशों के बीच मिनी ट्रेड डील पर सहमति बनी है.