अमेरिका-भारत में व्यापार को मिलेगी रफ्तार, ट्रंप-मोदी ने 2030 तक 500 बिलियन डॉलर का लक्ष्य किया तय

सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर अमेरिका की एक बहुत ही सार्थक यात्रा पूरी की है. यह यात्रा इस बात का संकेत है कि दोनों नेता भारत-अमेरिका संबंधों को कितनी प्राथमिकता देते हैं. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी की राष्ट्रीय खुफिया विभाग की नई नियुक्त निदेशक तुलसी गबार्ड के अलावा एलन मस्क और विवेक रामास्वामी से मुलाकात हुई. भारत इस वर्ष के अंत में क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, और प्रधानमंत्री ने इसके लिए राष्ट्रपति ट्रम्प को निमंत्रण भी दिया है.

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द्विपक्षीय व्यापार 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य

विदेश सचिव ने बताया कि व्हाइट हाउस में पीएम मोदी और ट्रंप के बीच 4 घंटे तक बातचीत चली. ट्रंप के साथ मुलाकात के दौरान बहुत सारे मुद्दों पर बात की गई, जिनमें रणनीतिक और सुरक्षा सहयोग, रक्षा, व्यापार और आर्थिक सहयोग, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा सुरक्षा और लोगों के बीच संबंध, साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे शामिल थे.

विदेश सचिव ने बताया, ‘दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से 21वीं सदी के लिए अमेरिका-भारत समझौते की शुरुआत की। यह समझौता अवसरों को बढ़ावा देने और सैन्य साझेदारी से व्यापार और निवेश के क्षेत्र में वाणिज्य और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए है. उदाहरण के लिए, नेताओं ने मिशन 500 की शुरुआत की जिसका लक्ष्य 2030 तक कुल दोतरफा व्यापार को दोगुना से अधिक करके 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना है. नेताओं ने यह भी घोषणा की कि वे 2025 के अंत तक पारस्परिक लाभकारी बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण पर बातचीत करेंगे.’

10 साल का फ्रेमवर्क किया तैयार
दोनों नेताओं ने 21वीं सदी में अमेरिका-भारत, प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए एक नए 10 वर्षीय फ्रेमवर्क को अंतिम रूप देने की योजना की घोषणा की. यह एक फ्रेमवर्क 2025 से 2035 तक चलेगा और इस साल के अंत में इसे अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है. दोनों नेता लैंड और एयर सिस्टम सहित कई प्लेटफार्मों के लिए चल रही रक्षा खरीद बातचीत के साथ-साथ सह-उत्पादन समझौतों पर आगे बढ़ने पर भी सहमत हुए.

विदेश सचिव ने बताया, ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर चर्चा करते हुए, दोनों नेताओं ने भारतीय और अमेरिकी निजी उद्योग को एक साथ लाने और वर्ष के अंत तक AI बुनियादी ढांचे को तेजी से बढ़ाने के लिए अमेरिका-भारत रोडमैप तैयार करने का संकल्प लिया. दोनों देश उद्योग साझेदारी और अगले पीढ़ी के डेटा केंद्रों, कंप्यूटेशन और प्रक्रियाओं तक पहुंच के लिए निवेशों को सक्षम करने के लिए साथ काम करेंगे. दोनों देशों ने एटोनॉमस सिस्टम बनाने पर जोर दिया है.दो नेताओं ने तकनीक को लेकर आगे काम करने का फैसला किया है.’

दोनों देशों ने यह निर्णय लिया कि वे माल और सेवाओं के क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करने के लिए एक संयुक्त दृष्टिकोण अपनाएंगे. इसमें बाजार में पहुंच बढ़ाना, शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करना और दोनों देशों के बीच आपूर्ति श्रृंखला के एकीकरण को मजबूत करना शामिल होगा. इसके अतिरिक्त, प्रत्येक देश में उच्च मूल्य उद्योगों में ग्रीनफील्ड निवेश करने की नई प्रतिबद्धता भी जताई गई है, और संयुक्त बयान में भारतीय कंपनियों द्वारा 7 बिलियन डॉलर से अधिक के निवेश का उल्लेख किया गया है.

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि बातचीत के दौरान अवैध अप्रवासियों का मुद्दा उठा था. हम उन्हें वापस लेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि अवैध अप्रवासियों की वापसी कहानी का अंत नहीं है. एक इको सिस्टम है, जिसके खिलाफ कदम उठाना दोनों देशों की जिम्मेदारी है.

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