छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक प्राथमिक शाला की शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है। विकासखंड डोमा में पदस्थ निशा खोब्रागढ़े नाम की शिक्षिका के खिलाफ कई गंभीर शिकायतें मिली थीं। शाला प्रबंधन एवं विकास समिति ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी।
अभिभावकों का आरोप था कि शिक्षिका बच्चों के साथ मारपीट करती थी। वह कक्षा में पढ़ाने की बजाय सोती रहती थी। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। अभिभावक लंबे समय से इस व्यवहार से परेशान थे।
विभागीय जांच में ये सभी आरोप सही पाए गए। जांच के बाद शिक्षा विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शिक्षिका को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई शिक्षा के स्तर को बनाए रखने और छात्रों के हित में की गई है।
शिक्षिका का निलंबन आदेश जारी
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से निशा का निलंबन आदेश भी जारी किया गया। जिसके मुताबिक शासकीय कर्तव्यों में लापरवाही बरतने के कारण पद से ससपेंड किया गया है और निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय बीईओ कार्यालय नगरी निर्धारित किया गया है।
स्कूल में सोने, बच्चों को मारने का आरोप
निशा खोब्रागढ़े पर पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने, स्वेच्छाचारिता करने, स्कूली बच्चों के मारपीट करने और अभिलेखों में अनाधिकृत रूप से कांट-छांट करने, और स्कूल में पढ़ाई के अलावा सोते रहने जैसे गंभीर मामलों में शाला प्रबंधन एवं विकास समिति द्वारा शिकायत की गई थी।
पहले भी निलंबित हो चुकी है
जिला शिक्षा अधिकारी टी.आर. जगदल्ले ने बताया कि शिकायत के बाद विभागीय स्तर पर इसकी जांच कराई गई, जिसमें खोब्रागढ़े पर लगे आरोप सही पाए गए। पहले भी खोब्रागढ़े को अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने, स्वेच्छाचारिता करने, बच्चों के साथ मारपीट करने, बगैर सूचना के अनुपस्थित रहने और अभिलेखों में अनाधिकृत रूप से कांट-छांट करने के आरोप पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए निलंबित किया गया था।
2 वेतन वृत्ति रुकी
विभागीय जांच कर असंचयी प्रभाव से 2 वेतन वृत्तियां रोकते हुए निलंबन से बहाल कर डोमा में पदस्थ किया गया था। खोब्रागढ़े द्वारा फिर से शासकीय कार्यों में लापरवाही बरतने पर उन्हें सिविल सेवा नियम के प्रावधानों के तहत निलंबित कर दिया गया है।