मध्य प्रदेश के खरगोन में मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलने से गुस्साएं ग्रामीणों ने बीएसएनएल अधिकारियों को बंधक बना लिया. टावर के पास गेट पर ताला लगा दिया. आला अफसरों के आश्वासन के बाद ताला खोला.
जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर सुदूर आदिवासी अंचल पिपलझोपा में BSNL के सिग्नल नहीं मिलने ग्रामीण खासे परेशान थे. करीब एक साल से परेशान हो रहे लोगों के सब्र का बांध तब टूट गया, जब बीएसएनएल के कर्मचारी और कुछ अधिकारी पीपलझोपा में लगे टावर के पास मशीनों को चेक करने पहुंचे.
गुस्साए ग्रामीणों ने बीएसएनएल के टावर के गेट पर ताला जड़ दिया. ग्रामीणों की मांग थी कि 12 महीने से टॉवर बना कर खड़ा कर दिया है, लेकिन उसे चालू 6 महीने पहले कर दिया, पर सिंग्नल किसी-किसी के मोबाइल में आ रहे हैं. ग्रामीणों ने अधिकारियों को खरी खरी सुनाई. आला अधिकारियों से बात करने और 10 दिन में समस्या का हल करने का आश्वासन मिलने के बाद मामला शांत हुआ.
उपभोक्ता मनीष जायसवाल का कहना है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांव में 4G बीएसएनल सुविधा उपलब्ध कराई है. टॉवर तो यहां लगा दिया गया, लेकिन हमारे मोबाइल में नेटवर्क ही नहीं आता. इससे न तो बात हो पाती है, न ही हम कहीं पर कॉल कर पाते हैं. टॉवर 1 साल पहले लगा दिया गया था और मोबाइल टॉवर को 6 माह पहले शुरू किया गया. लेकिन हमारी समस्या हल नहीं हो रही है.
BSNL के अधिकारी दीपेश राठौर का कहना है, हमने साइड विजिट की है. यहां ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला. ग्रामीणों का कहना है कि कुछ ही मोबाइल में नेटवर्क ठीक से आ रहा है. उनका कहना है कि बाकी के मोबाइल में भी नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. इस संबंध में आला अधिकारियों से बात की गई. भोपाल और इंदौर के अधिकारियों को समस्या बताई गई. उन्होंने कहा आगामी माह नवंबर के पहले सप्ताह में इस समस्या का हल कर दिया जाएगा.